निजी स्कूलों की दीवानगी, सरकारी स्कूलों में दाखिलों में गिरावट

हुब्बल्ली. शिक्षा विभाग हर साल सरकारी स्कूलों में दाखिले बढ़ाने के लिए कई नवाचार कार्यक्रमों का आयोजन कर रहा है, परन्तु अपेक्षित परिणाम नहीं मिल रहे हैं। वर्ष दर वर्ष सरकारी स्कूलों में छात्रों के दाखिले की संख्या घट रही है। धारवाड़ जिला भी इससे अछूता नहीं है।

सरकारी स्कूलों में प्रवेश शुल्क, कपड़े, जूते-मोजे, मध्याह्न भोजन, दूध, अंडा जैसी कई सुविधाएं मुफ्त दी जाती हैं, फिर भी शहरी क्षेत्रों में माता-पिता निजी स्कूलों के प्रति आकर्षित हैं।

ग्रामीण क्षेत्रों में निजी स्कूलों की दूरी, कुछ अच्छे सरकारी स्कूलों की उपलब्धता, इमारत की स्थिति और शिक्षकों की प्रतिबद्धता के चलते केवल अत्यंत गरीब परिवार ही मजबूरी में अपने बच्चों को सरकारी स्कूलों में दाखिल करते हैं।

स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग के आंकड़ों से बता चला है कि 2025-26 शैक्षणिक वर्ष में कक्षा 1 से 10 तक कुल 3,13,935 छात्रों ने दाखिला लिया, जिसमें से 1,23,184 सरकारी स्कूलों में हैं। पिछले साल की तुलना में यह 11,290 छात्रों की गिरावट है। शहरी क्षेत्रों में दाखिले की गिरावट ग्रामीण क्षेत्रों की तुलना में अधिक है।

धारवाड़ जिले में कुल 1,526 स्कूल हैं, जिनमें 735 सरकारी प्राथमिक और 112 सरकारी हाईस्कूल हैं परन्तु इनमें से बहुत कम ही ऐसे स्कूल हैं जो निजी स्कूलों को टक्कर दे सकें और अभिभावकों को आकर्षित कर सकें।

जिले के 2,528 सरकारी कक्षों में से केवल 1,490 कक्ष अच्छी स्थिति में हैं। 259 कक्षों में मामूली मरम्मत की ज़रूरत है और 580 कक्षों को भारी मरम्मत की जरूरत है। 173 कक्ष खतरनाक स्थिति में हैं और उन्हें गिराकर पुनर्निर्माण की आवश्यकता है।

बारिश के मौसम में स्कूल की छतें टपकती हैं, जिससे एक ही कक्षा में अन्य कक्षाओं के बच्चों को बैठाकर पढ़ाना पड़ता है। इसलिए चाहे कितनी भी सुविधाएं दी जाएं, बच्चों की सुरक्षा के लिहाज से माता-पिता निजी स्कूलों को ही प्राथमिकता दे रहे हैं।

हुब्बल्ली के एक अभिभावक ने बताया कि सरकारी स्कूलों में शिक्षक बच्चों की पढ़ाई में भरपूर प्रयास करते हैं, परन्तु इमारत और आधारभूत सुविधाओं की हालत खराब है। सरकार भवन तो बनाती है, परन्तु उसकी मरम्मत में रुचि नहीं लेती। छोटी-मोटी मरम्मत के लिए भी सालों इंतजार करना पड़ता है। बच्चों की सुरक्षा के लिए मैंने अपने दोनों बच्चों को सरकारी स्कूल से निकालकर निजी स्कूल में दाखिला दिलाया।

ग्रामीण क्षेत्रों में एसडीएमसी, पुराने छात्र और शिक्षक मिलकर घर-घर जाकर अभियान चला रहे हैं। 31 जुलाई तक बच्चों को सरकारी स्कूलों में दाखिल करने का मौका दिया गया है परन्तु दाखिले तभी बढ़ेंगे जब अभिभावक मानसिक रूप से तैयार होंगे।

जिले की दो स्कूलों में शून्य दाखिला

धारवाड़ जिले की एक सरकारी और एक अनुदानित स्कूल में इस बार कोई भी दाखिला नहीं हुआ। धारवाड़ के मालमड्डी क्लस्टर की धानूनगर के जीएचपीएस स्कूल में पिछले साल 8 छात्र थे, इस बार कोई नहीं। इसी तरह तेजस्वी नगर की तेजस्वी हाईयर प्राइमरी अनुदानित स्कूल में भी पिछले साल 5 छात्र थे, इस बार कोई नहीं।

इंग्लिश मीडियम की मांग बढ़ी

हाल के वर्षों में इंग्लिश मीडियम स्कूलों की मांग तेजी से बढ़ी है। सरकारी स्कूलों में इंग्लिश मीडियम शुरू किए जाने के बावजूद वहां दाखिले कम हैं, जबकि निजी स्कूलों में सीटें भर जाने के बावजूद अभिभावक अपने बच्चों को वहीं दाखिल करवाने की कोशिश करते हैं और सरकारी स्कूलों की ओर देखना भी पसंद नहीं करते।

शिक्षकों को अधिक छात्रों वाले स्कूलों में तैनात किया है

धानूनगर में रेलवे पुल निर्माण के कारण लोग दूसरी जगह शिफ्ट हो गए हैं, जिससे वहां कोई छात्र नहीं बचा। तेजस्वी स्कूल में इंग्लिश माध्यम शुरू होने के कारण कन्नड़ माध्यम में दाखिले शून्य रह गए हैं। दोनों स्कूलों के शिक्षकों को अधिक छात्रों वाले स्कूलों में तैनात किया गया है।
एस.एम. हुडेदमनी, उप योजना संयोजक, स्कूल शिक्षा विभाग

अपने मन से सरकारी स्कूलों को अपनाएं

सरकारी स्कूलों में दाखिले बढ़ाने के लिए कई कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं परन्तु इसके लिए सबसे जरूरी है कि माता-पिता अपने मन से सरकारी स्कूलों को अपनाएं।
एस.एस. केलदिमठ, उप निदेशक, सार्वजनिक शिक्षा विभाग

 

ब्लॉकवार सरकारी स्कूलों में दखिल हुए छात्रों की संख्या

ब्लॉक – 2021-22 — 2022-23 — 2023-24 — 2024-25 — 2025-26

धारवाड़ – 34,067 — 32,884 — 31,227 — 29,813 — 28,138
धारवाड़ शहर – 11,374 — 11,026 — 10,484 — 10,193 — 9,467
एचडीएमसी – 22,996 — 22,610 — 21,291 — 20,311 — 18,895
हुब्बल्ली – 23,523 — 23,032 — 21,915 — 20,816 — 19,485
कलघटगी – 23,294 — 21,973 — 20,656 — 19,679 — 18,481
कुंदगोल – 18,527 — 17,526 — 16,156 — 15,319 — 14,471
नवलगुंद – 19,488 — 18,445 — 16,857 — 15,530 — 14,247
कुल – 1,53,269 — 1,47,496 — 1,38,588 — 1,31,661 — 1,23,184
(17 जुलाई 2025-26 तक की जानकारी)

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