चिक्कोडी में घटा नदियों का जलस्तर, तटीय निवासियों ने ली राहत की सांसचिक्कोडी तालुक के यडूर गांव में कृष्णा नदी बाढ़ के पानी से जलमुक्त हुआ वीरभद्रेश्वर मंदिर।

महाराष्ट्र में बारिश कम, कृष्णा-दूधगंगा-वेदगंगा नदियों के प्रवाह में कमी

राजापुर बैराज से 1.63 लाख क्यूसेक, संगम स्थल पर 2.02 लाख क्यूसेक जल प्रवाह

वीरभद्रेश्वर मंदिर और नरसिंहवाड़ी दत्त मंदिर आंशिक रूप से जलमुक्त

जत्राट-भीवसी पुलिया पर एक सप्ताह बाद फिर शुरू हुआ आवागमन

बेवगावी. पड़ोसी महाराष्ट्र के कोंकण क्षेत्र में बारिश कम होने से चिक्कोडी उपविभाग के अंतर्गत बहने वाली कृष्णा, दूधगंगा और वेदगंगा नदियों के जलप्रवाह में कमी आई है। इसके चलते नदियों में बाढ़ का खतरा घटा है और नदी किनारे रहने वाले लोगों ने राहत की सांस ली है।

महाराष्ट्र से जल प्रवाह में कमी

कोल्हापुर जिले के राजापुर बैराज से रविवार को कृष्णा नदी में 1,63,000 क्यूसेक पानी छोड़ा गया। सदलगा के पास दूधगंगा नदी का प्रवाह 39,072 क्यूसेक दर्ज हुआ। कल्लोल-यडूर बैराज क्षेत्र के कृष्णा-दूधगंगा संगम स्थल पर कुल 2,02,072 क्यूसेक पानी बहा। शनिवार की तुलना में रविवार को कृष्णा नदी के प्रवाह में 41,317 क्यूसेक की कमी हुई है।

मंदिर और मार्ग खुले

बाढ़ के पानी में डूबे चिक्कोडी तालुक के यडूर गांव के वीरभद्रेश्वर मंदिर अब जलमुक्त हो गया है। महाराष्ट्र के कोल्हापुर जिले में कृष्णा और पंचगंगा नदियों के संगम पर स्थित नरसिंहवाड़ी दत्त मंदिर का क्षेत्र भी आंशिक रूप से खुल गया है।

आवागमन बहाल

पिछले एक सप्ताह से जलमग्न रही कई पुलों में से निप्पाणी तालुक की वेदगंगा नदी पर स्थित जत्राट-भीवसी छोटी पुलिया अब आवागमन के लिए खोल दी गई है।

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