सी-प्लेन सेवा से पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा
उड़ान योजना के तहत शिवमोग्गा, उडुपी, उत्तर कन्नड़, दक्षिण कन्नड़ और मैसूरु में चयनित स्थान
हुब्बल्ली. केंद्र सरकार कर्नाटक में उड़ान योजना के तहत 7 स्थानों पर पानी पर मिनी हवाई अड्डे (वाटर एयरोड्रोम) बनाने की तैयारी कर रही है। इसके लिए निविदा प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है।
जिला मुख्यालयों पर छोटे हवाई अड्डों के साथ-साथ नदियों, समुद्र और जलाशयों वाले क्षेत्रों में वाटर एयरोड्रोम स्थापित करने की योजना है, जिससे पर्यटन को बल मिलेगा।
चयनित 7 स्थान
सिगंदूर (शिवमोग्गा), बयंदूर (उडुपी), मल्पे (उडुपी), गणेशगुड़ी (उत्तर कन्नड़), कारवार (उत्तर कन्नड़), मेंगलूरु (दक्षिण कन्नड़), कबिनी (मैसूरु)
सिगंदूर में लिंगनमक्की जलाशय, गणेशगुड़ी में सुपा डैम और कबिनी डैम का बैकवॉटर सी-प्लेन संचालन के लिए उपयुक्त माना गया है। वहीं, मेंगलूरु, बयंदूर, मल्पे और कारवार में समुद्र तटीय क्षेत्र उपलब्ध हैं। ये सभी स्थान पर्यटकों के पसंदीदा गंतव्य हैं।
निविदा प्रक्रिया
मेंगलूरु और कबिनी में सी-प्लेन संचालन के लिए निविदाएं स्वीकृत हो चुकी हैं और इन रूटों को जोडऩे के लिए लेटर ऑफ इंटेंट भी जारी किए गए हैं। शेष पांच स्थानों के लिए बोली प्रक्रिया अभी खुली हुई है।
वाटर एयरोड्रोम क्या है?
वाटर एयरोड्रोम वह स्थान है जहां सी-प्लेन की लैंडिंग और टेकऑफ नदियों, समुद्र या जलाशयों के खुले पानी से कराई जाती है। यहां न्यूनतम बुनियादी ढांचे के साथ छोटे विमानों के लिए रनवे जैसी सुविधा और यात्री टर्मिनल होते हैं।
लोकसभा में मंत्री का बयान
उडुपी-चिक्कमगलूरु के सांसद कोटा श्रीनिवास पूजारी के सवाल पर केंद्रीय नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री ने लोकसभा में बताया कि उड़ान योजना के अंतर्गत बल्लारी और कोलार एयरस्ट्रिप से 20 से कम सीटों वाले विमानों के संचालन के लिए निविदाएं आमंत्रित की गई हैं परन्तु इनके लिए राज्य सरकार को भूमि उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी लेनी होगी।
वाटर एयरोड्रोम के लाभ
-कम खर्च में मिनी एयरपोर्ट की सुविधा
-आपातकालीन हवाई अड्डे के रूप में उपयोग
-जल पर्यटन को प्रोत्साहन
-आसपास के शहरों में आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा
-निजी विमानों के लिए सुविधा
अन्य प्रस्तावित स्थल
कोप्पल – तुंगभद्रा डैम बैकवॉटर
मंड्या – केआरएस डैम बैकवॉटर
विजयपुर – आलमट्टी डैम बैकवॉटर
बेलगावी – हिडकल डैम बैकवॉटर