परियोजना की लागत 10,240 करोड़, 2,000 मेगावॉट बिजली उत्पादन का लक्ष्य
दांडेेली (कारवार). उत्तर कन्नड़ जिले के गेरुसोप्पा जलाशय और शिवमोग्गा जिले के तलकलले जलाशय को आधार बनाकर शरावती पंप्ड स्टोरेज परियोजना लागू करने की तैयारी है। इस परियोजना के कारण लगभग 16,041 पेड़ों की कटाई होगी।
यह जानकारी बेंगलूरु स्थित कर्नाटक पावर कॉरपोरेशन (केपीसी) के कार्यकारी अभियंता विजय ने होन्नावर में दी।
राज्य की बिजली जरूरत पूरी करने पर जोर
अभियंता विजय ने बताया कि सभी विभागों की स्वीकृति के बाद ही 2,000 मेगावॉट क्षमता वाली यह परियोजना लागू की जाएगी। राज्य में बिजली की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए यह परियोजना अनिवार्य है। इसके लिए लगभग 10,240 करोड़ रुपए का व्यय अनुमानित है।
भूस्खलन का खतरा नहीं
उन्होंने स्पष्ट किया कि परियोजना से किसी भी प्रकार का भूस्खलन होने की संभावना नहीं है। केंद्र सरकार के भारतीय भू-सर्वेक्षण विभाग ने क्षेत्र का सर्वेक्षण कर इसकी पुष्टि की है। सर्वे रिपोर्ट के अनुसार सुरंग निर्माण और अन्य कार्यों से भू-धंसाव या भूस्खलन का खतरा नहीं रहेगा।
पर्यावरणीय सुरक्षा उपाय
परियोजना क्षेत्र में मौजूद दुर्लभ सिंघलीक बंदर (लायन टेल्ड मकाक) के प्राकृतिक आवागमन पर कोई प्रभाव न पड़े, इसके लिए केपीसी ने विशेष योजना बनाई है। साथ ही, वन विभाग के मार्गदर्शन में राष्ट्रीय राजमार्ग निर्माण के दौरान अपनाई गई ट्री कैनोपी तकनीक को यहां भी लागू किया जाएगा।
विजय ने कहा कि सुरंग के माध्यम से पानी को बहाया और पंप किया जाएगा। इस कारण सुरंग निर्माण की वजह से सतह पर मौजूद पेड़-पौधों और पर्यावरण को कोई नुकसान नहीं होगा।
सीमित भूमि का उपयोग
इस परियोजना के लिए कुल 100.645 हेक्टेयर (लगभग 248.8 एकड़) भूमि का उपयोग किया जाएगा। इसमें 54.155 हेक्टेयर वन क्षेत्र तथा शेष अरण्येतर भूमि शामिल है।
जन-आशंकाएं निराधार
विजय ने आश्वस्त किया कि जनता को किसी प्रकार की चिंता करने की आवश्यकता नहीं है। सभी सावधानियों और वैकल्पिक उपायों को ध्यान में रखते हुए ही परियोजना लागू की जाएगी।
