मंत्री प्रियांक खरगे ने लगाया आरोप
कलबुर्गी. जिला प्रभारी मंत्री प्रियांक खरगे ने भाजपा नेताओं पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि धर्मस्थल, मद्दूर चलो के बाद भाजपा नेता अब भडक़ाऊ बयान दे रहे हैं, यह उनकी आदत बन गई है।
शहर में सोमवार को पत्रकारों से बातचीत करते हुए प्रियांक खरगे ने सवाल उठाया कि सीटी रवि सहित कौन से भाजपा नेता ने अपने बच्चों के हाथों में तलवार या लाठी दी, या अपने बच्चों के कंधे पर भगवा शॉल डालकर धर्म की रक्षा के लिए भेजा?
उन्होंने भारत-पाकिस्तान क्रिकेट मैच का उदाहरण देते हुए कहा कि रविवार को मैच हुआ, भाजपा नेताओं को शर्म आनी चाहिए। यदि भारत न खेले तो अंक जाते हैं, यह भाजपा को समझ में आता है। सरकार ने बीसीसीआई को निर्देश क्यों नहीं दिया? प्रधानमंत्री ने गृह मंत्री को क्यों नहीं कहा? शहीदों के परिवार ने कहा था कि मैच नहीं होना चाहिए, फिर भी मैच क्यों आयोजित किया गया?
केपीएससी पीडीओ भर्ती मामले पर खरगे ने कहा कि केवल बहाने बनाए जा रहे हैं। केपीएससी पदों की भर्ती नहीं कर रहा है, यह निराशाजनक है। स्थानीय निकायों के चुनाव कराए जाने चाहिए। पहले आरक्षण में गड़बड़ी थी, जिसे सुधार दिया गया है।
पूर्व सरकार में कुछ पंचायतें नगर क्षेत्र में शामिल हो गई थीं, जिससे क्षेत्र पुनर्गठन में देरी हुई। बैलेट द्वारा चुनाव कराने पर देर हो सकती है, इस पर प्रतिक्रिया देते हुए खरगे ने कहा कि अमरीका और फ्रांस में भी महीनों में मतगणना पूरी हो जाती है। मतदाताओं की स्वच्छ सूची देने में चुनाव आयोग विफल रहा, आयोग भाजपा की कठपुतली बना हुआ है। हमारी शिकायत पर कोई कार्रवाई नहीं की गई।
उन्होंने निखिल कुमारस्वामी की राज्य भ्रमण की सराहना करते हुए कहा कि यह अच्छा कदम है कि वे बारिश के नुकसान का जायजा लेने के लिए राज्य के विभिन्न हिस्सों में जा रहे हैं। निखिल के पिता ही केंद्रीय मंत्री हैं उन्हें पहले कहना चाहिए कि राज्य को अधिक अनुदान दें। राज्य केंद्र को अधिक कर दे रहा है, परन्तु हमें इसका उचित हिस्सा नहीं मिल रहा। पिछले साल हमने 4.50 लाख करोड़ रुपए कर दिए, परन्तु केंद्र ने हमें कितना वापस दिया, इसका जवाब निखिल दें।
उन्होंने कहा कि मंत्रिमंडल पुनर्गठन पर कोई चर्चा नहीं हुई है। इच्छुक लोग हैं, कुछ लोग मुख्यमंत्री, एआईसीसी अध्यक्ष से और कुछ लोग उपमुख्यमंत्री से संपर्क कर रहे हैं।
