हुब्बल्ली. श्री वर्धमान स्थानकवासी जैन श्रावक संघ के तत्वावधान में मुनि नवीनप्रज्ञ के सान्निध्य में महावीर भवन में नवपद ओली प्रवचन श्रंखला प्रतिदिन प्रात: 9 से 10.15 बजे तक आयोजित की जा रही है।
गुरुवार के प्रवचन में मुनि नवीनप्रज्ञ ने श्रीपाल राजा की कथा सुनाई। उन्होंने बताया कि रोग से ग्रसित होने के बावजूद श्रीपाल ने श्रद्धा, भक्ति और संयम के बल पर अपने जीवन में चमत्कारिक परिवर्तन किया। यह चरित्र हमें सिखाता है कि धर्म जीवन का सच्चा संबल है और भक्ति से असंभव को भी संभव बनाया जा सकता है।
मुनि ने उपाध्याय प्रभु के महत्व पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि उपाध्याय प्रभु ज्ञान और शिक्षा के दाता होते हैं, साधक को दिशा देते हैं और संस्कार प्रदान करते हैं। उपाध्याय के 25 गुणों में ज्ञान, विनय, करुणा और धैर्य प्रमुख हैं। हरा रंग उपाध्याय का प्रतीक है, जो ज्ञान, शांति और आत्मबल का संदेश देता है।
धर्मसभा की शुरुआत जागृतमुनि ने की, जिन्होंने दान, मानवता, दैविक और ब्रह्म भावना पर विस्तृत प्रवचन दिया। बाहरी नगरों से भी अनेक श्रद्धालु उपस्थित हुए। संघ के तत्वावधान में आगामी 7 अक्टूबर को सुख विपाक सूत्र पर ओपन बुक परीक्षा का आयोजन श्री वर्धमान किशोर मंडल की ओर से किया जाएगा। कार्यक्रम का संचालन महेंद्र विनायिकिया ने किया।