नृपतुंग बेट्टा पहाड़ी पर बनेगा शीशे का पुलहुब्बल्ली के नृपतुंग बेट्टा पहाड़ी से ली गई तस्वीर।

हुब्बल्ली को मिलेगा नया पर्यटन आकर्षण

5 करोड़ रुपए की परियोजना को मिली मंज़ूरी

डीपीआर के लिए 31 अक्टूबर तक आमंत्रित की गईं निविदाएं

हुब्बल्ली. शहर की ऐतिहासिक नृपतुंग बेट्टा पहाड़ी अब एक आधुनिक पर्यटन स्थल के रूप में विकसित होने जा रही है। कर्नाटक पर्यटन विभाग ने यहां शीशे का पुल (ग्लास ब्रिज), प्रवेश द्वार, पैदल पथ और हरित सौंदर्यीकरण जैसी सुविधाओं के निर्माण की योजना बनाई है। इस परियोजना पर लगभग 5 करोड़ रुपए की लागत आने का अनुमान है।

पर्यटन विभाग ने इसके लिए विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार करने के लिए इच्छुक एजेंसियों से 31 अक्टूबर शाम 4 बजे तक निविदाएं आमंत्रित की हैं।

कर्नाटक का पहला ग्लास ब्रिज

यह शीशे का पुल 100 से 200 मीटर लंबा होगा और उणकल क्षेत्र की ओर पहाड़ी के शीर्ष पर बनाया जाएगा। यह कर्नाटक में अपने प्रकार का पहला ग्लास ब्रिज होगा, जो पर्यटकों के लिए रोमांच और दृश्य सौंदर्य का अनूठा अनुभव प्रदान करेगा।

हरित विकास और झील पुनर्जीवन

परियोजना के अंतर्गत पहाड़ी के नीचे स्थित प्राचीन झील को पुनर्जीवित करने और क्षेत्र में बड़े पैमाने पर वृक्षारोपण की भी योजना है, जिससे पर्यावरणीय संतुलन को बढ़ावा मिलेगा।

विधायक महेश टेंगिनकाई ने जानकारी दी कि केरल, असम और मिजोरम के ग्लास ब्रिज की तर्ज पर नृपतुंग बेट्टा पहाड़ी पर भी शीशे का पुल बनाया जाएगा। साथ ही, पहले से प्रस्तावित उणकल झील से नृपतुंग बेट्टा पहाड़ी तक रोपवे निर्माण योजना पर भी रिपोर्ट विभाग को सौंपी जा चुकी है। अब सरकार की स्वीकृति का इंतजार है।

यदि यह परियोजना समय पर और गुणवत्ता के साथ पूरी होती है, तो नृपतुंग बेट्टा पहाड़ी न केवल हुब्बल्ली का गौरव बनेगी, बल्कि कर्नाटक के पर्यटन मानचित्र पर एक नया ग्लास ब्रिज हिल पॉइंट के रूप में उभरेगी। इससे न केवल स्थानीय अर्थव्यवस्था को बल मिलेगा, बल्कि पर्यावरणीय संरक्षण और सांस्कृतिक पहचान को भी नया आयाम मिलेगा।

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