प्रो. एम.गोविंदराव ने कहा
बल्लारी. कर्नाटक क्षेत्रीय असंतुलन सुधार समिति के अध्यक्ष प्रो. एम. गोविंदराव ने कहा कि संबंधित जिलों में विभिन्न क्षेत्रों के सूचकांक के आधार पर क्षेत्रीय असंतुलन सुधार की समीक्षा की जाएगी और सरकार को रिपोर्ट सौंपी जाएगी।
बल्लारी में जिला स्तर पर क्षेत्रीय असंतुलन के उन्मूलन पर आयोजित बैठक की अध्यक्षता कर गोविंदराव ने कहा कि सरकार ने डॉ. डीएम नंजुंडप्पा आयोग की 2002 की रिपोर्ट में पहचाने गए तत्कालीन 176 पिछड़े तालुकों के विकास के लिए 31 हजार करोड़ रुपए खर्च किए हैं।
उन्होंने कहा कि नंजुंडप्पा रिपोर्ट के कार्यान्वयन से किस तरह का विकास हुआ है, यह सूचकांक के आधार पर देखा जाएगा परन्तु समिति पिछड़ेपन के कारणों और क्षेत्रों की समीक्षा करेगी। समिति प्रति व्यक्ति आय, शिक्षा, स्वास्थ्य और अन्य क्षेत्रों में सुधार और विकास की भी जांच करेगी।
गोविंदराव ने कहा कि क्षेत्रीय असंतुलन को दूर करने के लिए गठित यह समिति कृषि, उद्योग, आर्थिक अवसंरचना, सामाजिक अवसंरचना, वित्तीय और तकनीकी अवसंरचना जैसे क्षेत्रों के विकास के लिए सूचकांक की पहचान करेगी और उसे स्थापित करेगी। इसके बाद समिति सरकार को रिपोर्ट सौंपेगी।
उन्होंने कहा कि बल्लारी जिले में औद्योगिक विकास बहुत जरूरी है। यहां के युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराना और पलायन को कम करना बहुत जरूरी है और जिले के सर्वांगीण विकास के लिए कई कार्यक्रम शुरू किए गए हैं।
जिलाधिकारी प्रशांतकुमार मिश्रा ने कहा कि यहां उत्पादित फसलों में मूल्य संवर्धन किए जाने की जरूरत है। अवसंरचना के विकास पर जोर दिया गया है। उन्होंने टेक्सटाइल हब, खनन, कृषि आधारित उद्योग, कोल्ड स्टोरेज इकाइयां, फसलों के लिए समर्थन मूल्य, सिंचाई, आधुनिक अस्पताल, छोटे व्यवसायों के लिए अधिक प्रोत्साहन, शैक्षणिक संस्थानों के लिए अवसंरचना और अन्य पहलुओं के बारे में जानकारी दी।
इस बैठक में कर्नाटक क्षेत्रीय असंतुलन निवारण समिति के सदस्य प्रोफेसर डॉ. एस.टी. बागलकोट, डॉ. संगीता कट्टी, जिला पंचायत के सीईओ मोहम्मद हैरिस सुमैर, विभिन्न जिला स्तरीय विभागों के अधिकारी और विभिन्न स्थानीय निकायों के पदाधिकारी और अन्य उपस्थित थे।