वैज्ञानिक पशुपालन अपना कर आर्थिक रूप से मजबूत बनें

प्रो. वीरन्ना ने किसानों को दी सलाह

बीदर. कर्नाटक पशु चिकित्सा, पशु एवं मत्स्य विज्ञान विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. के.सी. वीरन्ना ने कहा कि बीदर जिले के किसानों को कृषि के साथ-साथ वैज्ञानिक पशुपालन जैसे अतिरिक्त रोजगार भी अपनाने चाहिए और आर्थिक रूप से मजबूत बनना चाहिए।

वे मंगलवार को बीदर स्थित पशु विश्वविद्यालय में देवनी प्रजनन पशुधन अनुसंधान एवं सूचना केंद्र और पशु चिकित्सा महाविद्यालय की ओर से अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के किसान, पशुपालकों के लिए आयोजित वैज्ञानिक पशुपालन द्वारा आर्थिक विकास एवं सततता पर आयोजित तीन दिवसीय प्रशिक्षण शिविर का उद्घाटन करने के बाद बोल रहे थे।

किसानों को विभिन्न विशेषज्ञों की सलाह से वैज्ञानिक तरीके से पशुपालन करने और मूल्य संवर्धन से अधिक लाभ प्राप्त करने की उन्होंने सलाह दी।

पशुपालन विभाग के उप निदेशक डॉ. नरसप्पा ख. ने कहा कि यदि किसान आत्मविश्वास और धैर्य के साथ पशुपालन में संलग्न हों, तो आर्थिक विकास और सततता निश्चित रूप से संभव है। किसानों को ऐसी योजनाओं का लाभ उठाना चाहिए।

कर्नाटक राज्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद की ओर से प्रायोजित इस प्रशिक्षण में, सहायक प्राध्यापक डॉ. प्रकाशकुमार राठौड़, डॉ. विद्यासागर, डॉ. कोट्रेश प्रसाद और महाविद्यालय के विषय विशेषज्ञों ने किसानों को दुधारू नस्लों के चयन, कम लागत पर हरा चारा और पशु आहार तैयार करने, पशुओं के स्वास्थ्य की देखभाल, प्रसूति एवं प्रजनन संबंधी समस्याओं जैसे विषयों पर जानकारी प्रदान करेंगे।

इस प्रशिक्षण में कुल 35 किसानों और पशुपालन कर्मियों ने भाग लिया। पशु चिकित्सा विश्वविद्यालय, पशु चिकित्सा महाविद्यालय के अधिकारीगण और अन्य उपस्थित थे।

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