भीम तट पर फिर रक्तपातबागप्पा हरिजन।

बागप्पा हरिजन की हत्या

विजयपुर. भीमा तट हत्याकांड के कुख्यात आरोपी बागप्पा हरिजन (50) की विजयपुर शहर में रेडियो स्टेशन के पास बदमाशों के एक गिरोह ने बेरहमी से हत्या कर दी। धारदार हथियारों से लैस 20 से अधिक हमलावरों ने बागप्पा के चेहरे, सिर और शरीर पर वार कर भाग गए।

भीमा तट के कुख्यात हत्यारे चंदप्पा का शिष्य बागप्पा हरिजन, विजयपुर भीम तट और कलबुर्गी समेत आसापस आतंक फैला रखा था। 8 अगस्त 2018 को पीरप्पा हडपद नामक व्यक्ति ने कोर्ट परिसर के अंदर बागप्पा हरिजन पर गोली चलाई थी। उस दौरान उसे बचा लिया गया था। चंदप्पा हरिजन के बड़े भाई येल्लप्पा के बच्चों ने उन्हें सुपारी दी थी। इसके चलते ऐसी अफवाहें भी उड़ी हैं कि इस हत्याकांड के पीछे येलप्पा हरिजन का हाथ है। यल्लप्पा हरिजन, भीमा नदी के तट पर सबसे कुख्यात हत्यारे चंदप्पा हरिजन का बड़ा भाई है।

फिलहाल डॉग स्क्वायड और फोरेंसिक विशेषज्ञों ने घटनास्थल का दौरा किया है। एसपी लक्ष्मण निम्बर्गी, एएसपी शंकर मारिहाल और एएसपी रामनगौड़ा हट्टी ने घटनास्थल का दौरा कर निरीक्षण किया है। अपराधियों ने हत्यारे बागप्पा का बायां हाथ और गुप्त अंग काटा है।

बागप्पा हरिजन कौन है?

बागप्पा हरिजन, भीमा तट के सबसे कुख्यात हत्यारे चंदप्पा हरिजन का दामाद और शिष्य है, जिसे उत्तर कर्नाटक का वीरप्पन कहा जाता है। चंदप्पा हरिजन कम से कम 55 हत्या मामलों में आरोपी है। बागप्पा छोटी उम्र में ही चंदप्पा के गिरोह में शामिल हो गया था और उसके साथ घूमता रहता था परन्तु चंदप्पा-हरिजन मुठभेड़ (एनकाउंटर) के बाद, चंदप्पा की 13 बंदूकों के बंटवारे को लेकर बड़े भाई यल्लप्पा और उनके दामाद बागप्पा के बीच दुश्मनी बढ़ गई। इसके अलावा, कलबुर्गी के भूमि के मुद्दे पर दोनों के बीच दुश्मनी बढ़ गई। यहीं से, बागप्पा यह दावा करने लगा था कि वह चंदप्पा का उत्तराधिकारी है। इस वजह से दोनों एक दूसरे को मारने की कोशिश कर रहे थे।

दूसरे प्रयास में बागप्पा को खत्म कर दिया

इस संघर्ष में, यल्लप्पा बागप्पा के दो दामादों की हत्या की थी। इस आरोप के तहत उसे जेल में डाला गया था। 2013 में चंदप्पा के छोटे भाई बसवराज की हत्या की गई थी। इस तरह दोनों के बीच नफरत बढ़ती थी। बागप्पा को इससे पहले अदालत परिसर में पांच बार गोली मारी गई थी परन्तु उस दिन बागप्पा कुछ ही समय में बच गया था। गोलीबारी में घायल हुए बागप्पा को नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। वह खतरे से बच निकला था परन्तु अब गिरोह ने दूसरे प्रयास में बागप्पा को खत्म कर दिया।

मकान किराए पर लिया था

विजयपुर जिला पुलिस अधीक्षक लक्ष्मण निम्बर्गी पत्रकारों को जानकारी देते हुए कहा कि भीमा नदी के तट पर एक बार फिर खून बह निकला है। बागप्पा हरिजन को गोली मार दी गई है। बागप्पा हरिजन पर कुल्हाड़ी से हमला कर उनकी हत्या कर दी गई। मंगलवार रात करीब 8.50 बजे विजयपुर के मदीना नगर में बदमाशों ने बागप्पा हरिजन पर हमला कर उसकी हत्या कर दी। चार-पांच लोगों के गिरोह ने बागप्पा के किराए के घर के सामने ही इस जघन्य वारदात को अंजाम दिया।

योजना बनाकर की हत्या 

उन्होंने कहा कि बागप्पा दोपहर का भोजन करने के बाद घर के सामने टहल रहा था तो उस समय यह हत्यी की। ऑटो रिक्शा में आए चार-पांच लोगों के गिरोह ने कुल्हाडिय़ों और बंदूकों से गोलीबारी शुरू कर दी। आरोपी महज 7-8 मिनट में हत्या कर फरार हो गए।
जिला पुलिस अधीक्षक ने कहा कि बागप्पा के खिलाफ करीब 10 मामले दर्ज हैं। वह इनमें से 6 लोगों की जान लेने के मामले में आरोपी है। बागप्पा के खिलाफ हत्या के प्रयास का मामला भी दर्ज किया गया था। बागप्पा का आपराधिक इतिहास 1993 में शुरू हुआ था। उसके खिलाफ आखिरी बार 2016-17 में मामला दर्ज किया गया था। बागप्पा की हत्या पूरी योजना बनाकर की गई।

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