बल्लारी. बल्लारी की प्रधान जिला न्यायाधीश केजी शांति ने कहा कि बंधुआ मजदूरी और मानव तस्करी समाज में दंडनीय अपराध हैं और सभी को इन्हें समाप्त करने का प्रयास करना चाहिए।
वे बल्लारी में बुधवार को बंधुआ मजदूर विरोधी दिवस के उपलक्ष्य में जिला स्तरीय अधिकारियों के लिए आयोजित कार्यशाला का उद्घाटन कर बोल रहीं थी।
उन्होंने कहा कि 14 वर्ष से कम आयु के बच्चों को काम पर रखना अवैध है। बच्चों को शिक्षित करना चाहिए। केवल शिक्षा के माध्यम से ही बंधुआ मजदूरी प्रथा को पूरी तरह से समाप्त किया जा सकता है।
जिलाधिकारी प्रशांत कुमार मिश्रा ने कहा कि बल्लारी जिले में कोई बंधुआ मजदूरी प्रथा नहीं है।
राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग के पूर्व सदस्य एचसी राघवेन्द्र ने बंधुआ मजदूरी से निपटने के मुद्दे पर व्याख्यान दिया।