राज्य में करीब 15 लाख कार्डों पर पुनर्विचार
मेंगलूरु. कर्नाटक सरकार ने बीपीएल (गरीबी रेखा से नीचे) राशन कार्डों की एक बार फिर समीक्षा करने का निर्णय लिया है। इस बार राज्य में करीब 15 लाख कार्डों पर पुनर्विचार किया जाएगा।
समीक्षा प्रक्रिया में आयकर भुगतान को मुख्य मानदंड बनाया जाएगा। इसके साथ ही, निर्धारित सीमा से अधिक भूमि का स्वामित्व, जीएसटी भुगतान, स्वयं की चार पहिया गाड़ी होना जैसे कारक भी बीपीएल कार्ड रद्द करने के आधार हो सकते हैं।
2017 में लागू मानदंडों के अनुसार, सरकारी या अनुदानित संस्थानों में स्थायी नौकरी करने वाले, आयकर/जीएसटी/पेशेवर कर चुकाने वाले, ग्रामीण क्षेत्र में 3 हेक्टेयर से अधिक भूमि या शहरी क्षेत्र में 1000 वर्गफुट से बड़ा पक्का मकान रखने वाले, व्यावसायिक उपयोग के अलावा चार पहिया वाहन रखने वाले तथा सालाना 1.20 लाख रुपए से अधिक आय वाले परिवार बीपीएल के पात्र नहीं माने जाएंगे।
राज्य में वर्तमान में लगभग 74 प्रतिशत बीपीएल कार्डधारक
राज्य में वर्तमान में लगभग 74 प्रतिशत बीपीएल कार्डधारक हैं, जो अन्य दक्षिण भारतीय राज्यों (जहां यह 50 प्रतिशत से कम है) की तुलना में कहीं अधिक है। इस बीच 3.27 लाख नए आवेदनों की मांग आई है। सरकार का मानना है कि अनधिकृत कार्डों को एपीएल (गरीबी रेखा से ऊपर) में बदलने से नए योग्य लोगों को बीपीएल कार्ड देना संभव होगा।
सिर्फ पात्र परिवारों को ही बीपीएल कार्ड
पिछले लगभग तीन वर्षों से बीपीएल/एपीएल कार्ड वितरण की प्रक्रिया ठप थी। अब केंद्र सरकार से आयकर से जुड़ा डाटा प्राप्त कर, सिर्फ पात्र परिवारों को ही बीपीएल कार्ड उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा गया है।
–अनिता रश्मी, उपनिदेशक, आहार एवं नागरिक आपूर्ति विभाग, दक्षिण कन्नड़ व उडुपी
