दावणगेरे के पास दोड्डा बाती ग्राम पंचायत क्षेत्र की खाली जमीन पर बने शेड में रह रहे हेगड़ेनगर के निवासी।

बुनियादी सुविधा उपलब्ध कराने की मांग
दावणगेरे. रामकृष्ण हेगड़े नगर और चंद्रोदय नगर के निवासियों को दोड्ड बाती ग्राम पंचायत क्षेत्र की खाली जमीन पर स्थानांतरित हुए एक सप्ताह हो गया है, जिला प्रशासन की ओर से बनाए गए शेडों में छत नहीं होने के कारण बच्चों को रात में ठंड में ठिठुरने की स्थिति बनी हुई है।

शहर के पीबी रोड से मागानहल्ली रोड तक रिंग रोड बनाने के लिए रामकृष्ण हेगड़े नगर और चंद्रोदय नगर के निवासियों के कड़े विरोध के बावजूद, पिछले शनिवार (2 दिसंबर) को कड़ी पुलिस सुरक्षा के बीच बेघर अतिक्रमणकारियों को हटाने की कार्रवाई की गई थी।

बच्चों में बढ़ रहा खांसी-जुकाम

स्थानीय निवासी रेशमा बानो और रुकसाना ने बताया कि अचानक हुई कार्रवाई की वजह से घर का सामान ले जाना संभव नहीं था। सोने के लिए न चटाई है, न चादर है। हम किसी तरह दिन गुजारते हैं परन्तु रात बिताना मुश्किल हो गया है। कुछ लोग रात होते ही शहर में स्थित किश्तेदारों के घरों में शरण ले रहे हैं। जिनके पास यह नहीं है, उन लोगों के लिए जगह है। छत नहीं होने के कारण हम ठंड में कांपते हुए सोते हैं। सुबह तक बिस्तर गीला हो जाता है। बच्चों की देखभाल करना मुश्किल हो गया है। बच्चों में खांसी-जुकाम बढ़ गया है।

बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराए

ललितम्मा ने बताया कि शेड पर न छत है, न दरवाजा। मैदानी क्षेत्र होने के कारण सांपों की भरमार है। उचित सुरक्षा के बिना डर में ही समय बिताना पड़ रहा है। वे 30 वर्षों से फलों का व्यवसाय कर बड़ी मुश्किल से जीवन गुजार रही हैं। वृद्धावस्था में अस्थिरता की स्थिति बनी हुई है। पीने का पानी और बिजली उपलब्ध कराई गई है। शौचालय की सुविधा नहीं होने से महिलाओं को परेशानी हो रही है। मोबाइल टॉयलेट रखा है परन्तु बुजुर्गों को चढऩे में दिक्कत होती है। अगर बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराकर यहां स्थानांतरित किया होता तो इतनी समस्या नहीं होती थी।

चिंता सता रही है

अमानुल्लाह ने बताया कि यहां से ऑटो रिक्शा से शहर जाने के लिए लगभग 100 रुपए खर्च होते हैं। सप्ताह से काम पर नहीं जा पा रहा हूं। बच्चों को स्कूल भेजना भी संभव नहीं हो सका है। जिला प्रशासन भोजन तो उपलब्ध करा रहा है, परन्तु कर्ज की किस्त कैसे चुकाएंगे इसकी चिंता सता रही है। यहां सिर्फ महिलाओं को ही छोडक़र जाना संभव नहीं है। महिलाओं को रिश्तेदारों के घर में छोडक़र काम पर जाना चाहे तो अगर कोई यहां की जगह हथियालेगा तो क्या होगा यह चिंता सता रही है।

तत्काल सुविधा मुहैया करें
रामकृष्ण हेगड़े नगर और चंद्रोदय नगर के लोगों को स्थायी निवास देना एक अच्छा कदम है परन्तु निवासियों को निकालने से पहले कम से कम घर, सडक़, आंगनवाड़ी, स्कूल, अस्पताल और शौचालय जैसी बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध करनी चाहिए थीं। निवासियों के गरीब दिहाड़ी मजदूर होने के कारण बिना किसी सुविधा वाले ऐसे स्थान पर अचानक स्थानांतरित करना सही नहीं है। महिलाओं, बच्चों और बूढ़ों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है, छत, छप्पर और अन्य सुविधाएं मुहैया कराने के लिए तत्काल कार्रवाई करनी चाहिए।

-एम. करिबसप्पा, सामाजिक कार्यकर्ता, दावानगेरे

जीवन को सुरक्षित करने के लिए कदम उठाएं
रामकृष्ण हेगड़े नगर के निवासियों के घरों को गिराना अक्षम्य है। अब उन्हें दी गई जगह में किसी प्रकार की कोई सुरक्षा नहीं है। उस स्थान पर घूम रहे सांपों और लोमडिय़ों ने चिंता पैदा कर दी है। अधिकारियों को आवश्यक सुविधाएं प्रदान करके लोगों के जीवन को सुरक्षित करने के लिए कदम उठाने चाहिए।

भारती के., सदस्य, एसयूसीआई (कम्युनिस्ट), दावणगेरे

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