जैन शासन काल में हुआ था झील का निर्माण
हमेशा पानी से भरी रहती है झील
नगर पालिका की लापरवाही से भरी गाद
हुब्बल्ली. उत्तर कन्नड़ जिला भटकल के सोनारकेरी, आसरकेरी, बंदरगाह रोड सहित पड़ोसी गांवों की जल आपूर्ति के लिए जिम्मेदार जंबरमठ में स्थित जंबरमठ झील में गाद भर गई है और पुनरुद्धार की प्रतीक्षा कर रही है।
जंबरमठ झील का इतिहास सदियों पुराना है। इस झील का निर्माण जैन शासन काल में हुआ था।
स्थानीय लोगों का कहना है कि कोकती झील के बाद यह शहर की दूसरी सबसे बड़ी झील है। हमेशा पानी से भरी रहने वाली इस झील में मई के अंत में भी छह से सात फीट पानी जमा रहता है।
भूजल स्तर भी बढ़ेगा
यहां के लोगों का यह भी कहना है कि जंबरमठ झील के पानी का इस्तेमाल कर हजारों एकड़ भूमि पर खेती की जाती है परन्तु हाल के वर्षों में, झील काफी हद तक गाद से भर गई है। अगर झील की सफाई कर उसे पुनर्जीवित कर दिया जाए तो आसपास के इलाके को पानी मिलेगा और साथ ही भूजल स्तर भी बढ़ेगा।
सूखे की स्थिति पेश आ सकती है
स्थानीय निवासी वेंकटेश मोगेर का कहना है कि शहर के मध्य स्थित तालाब के विकास में नगर पालिका की कोई रुचि नहीं दिख रही है। नगर निगम के अधिकारियों ने कभी भी झील का दौरा या निरीक्षण नहीं किया है। झील में गाद भर गई है और शैवाल उग आए हैं। आसपास के गांवों का जीवन जल इस झील को ऐसे ही खंडहर होने के लिए खाली छोड़ दिया जाए तो सूखे की स्थिति पेश आ सकती है।
झील विकसित की जाए
भूजल स्तर अच्छा होने के कारण गर्मियों में भी इस झील में पानी की कमी नहीं होती है। यदि झील से गाद हटा कर के चारों ओर विकास किया जाए तो आसपास के गांवों को नल कनेक्शन के माध्यम से साफ पानी उपलब्ध कराया जा सकता है। शहरवासियों को नगर पालिका की ओर से कडविनकट्टा नदी से शुद्ध पानी की आपूर्ति की जाती है। कभी-कभी, जब नदी में पानी कम होता है, तो लोगों का पानी के लिए तड़पना आम बात है, और यदि ऐसी झील विकसित की जाए, तो पानी की समस्या हल हो सकती है।
–वेंकटेश नायक, पूर्व सदस्य, नगर पालिका, भटकल
ब्लू प्रिंट तैयार करने के निर्देश दिए जाएंगे।
नगर पालिका क्षेत्र में निर्मल नगर 2.0 परियोजना के तहत झील को विकसित करने का मौका है। इस संबंध में संबंधित अभियंता को ब्लू प्रिंट तैयार करने के निर्देश दिए जाएंगे।
–एन.एम. मेस्ता, मुख्य अधिकारी, नगर पालिका, भटकल