सांसद राघवेंद्र बोले केंद्र से राज्य को अनुदान देने के मामले में कोई अन्याय नहीं हुआ
हुब्बल्ली. शिवमोग्गा के सांसद बीवाई राघवेंद्र ने कहा कि सांसद डी.के. सुरेशा ने देश को तोडऩे का बयान दिया है, उनके खिलाफ लोकसभा में विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव लाने पर विचार किया जाएगा।
शहर में पत्रकारों से बातचीत करते हुए राघवेंद्र ने कहा कि कांग्रेस देश को बांटकर राजनीतिक दाल गलाती रही है। उनमें अब भी वही भावना है। उन्हें कोई माफ नहीं कर सकता।
सुरेश ने क्यों की अंतरिम बजट की बात?
केंद्र सरकार ने अंतरिम बजट पेश किया है। यह देश को दिया गया कोई नया बजट नहीं है। इसी को आगे रखकर डी.के. सुरेश ने दक्षिण भारत पर अन्याय का आरोप लगाकर देश को दो भाग करने का बयान दिया है। उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने अपने भाई के बयान को सही ठहराते हुए समर्थन किया है। बाद में उन्होंने दिल्ली चलो नाम से संवाददाता सम्मेलन किया। राजनीति के लिए व्यवस्थित योजना तैयार कर लोगों को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं।
टैक्स रिटर्न में कोई भेदभाव नहीं
राघवेंद्र ने कहा कि केन्द्र सरकार की ओर से राज्य सरकारों को दिए जाने वाले करों में कहीं भी कोई भेदभाव नहीं किया गया है। यूपीए सरकार के दौरान 70 हजार करोड़ रुपए टैक्स का पैसा राज्य को आया था। पिछले 10 वर्षों में केंद्र सरकार से राज्य को 2.20 हजार करोड़ रुपए आए हैं। आजादी के बाद 2014 तक रेलवे विद्युतीकरण मार्ग केवल 6000 किमी था। मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार आने के बाद 13 हजार किमी. रेल मार्ग बन गया है। इतना सब होने के बाद भी भेदभाव कैसे हो सकता है।
राजनीति से प्रेरित विरोध प्रदर्शन
उन्होंने चुटकी लेते हुए कहा कि मुख्यमंत्री ने मुझे भी दिल्ली विरोध प्रदर्शन में शामिल होने के लिए लिखा है परन्तु राज्य को अन्याय होने पर जा सकता था। यदि कोई दूरदर्शी योजना होती तो मैं अवश्य भाग लेता। यह सब चुनाव, राजनीति के लिए किया जा रहा आंदोलन है।
कांग्रेस के विधायक हीं कांग्रेस सरकार से हैं नाराज
सांसद बी वाई राघवेंद्र ने कहा कि लोगों ने उम्मीदें रखकर चुना था। छह महीने में भ्रम टूट गया और सरकार के खिलाफ उनके अपने ही विधायक तंग आ चुके हैं। विकास कार्य नहीं हो रहा है। लाभार्थियों पर सैकड़ों शर्तें थोप कर उन्हें उन तक नहीं पहुंचे ऐसा किया है। लोकसभा चुनाव का सामने कैसे करेंगे? वे अपनी नाकामी छुपाने के लिए केंद्र पर उंगली उठाकर राजनीतिक ड्रामा कर रहे हैं।