हुब्बल्ली. नवलगुंद तालुक के हालकुसुगल गांव में पहुंचे संविधान जागरूकता जत्थे का गांव की संस्कृति ग्रामीण धरोहर बैलगाड़ी के जरिए पारंपरिक शैली में स्वागत किया गया।
महिलाओं ने आरती उतारकर संविधान जागरूकता जत्था की सफलता की प्रार्थना की। जुलूस में 15 से अधिक बैलगाडिय़ां शामिल हुईं थी। बैलों को सजाया गया था।
देखने वालों को यह जुलूस एक उत्सव जैसा लगा। विद्यार्थियों ने महापुरुषों की वेशभूषा धारण कर ध्यान आकर्षित किया। इसके अलावा कलाकार चन्नव्वा दानसूर ने गाने भी गाए। संसाधन व्यक्ति (रिसोर्स पर्सन) विष्णु गुरन्नवर ने डॉ. बीआर अंबेडकर एवं संविधान पर व्याख्यान दिया।
विद्यार्थियों के मनमोहक डांडिया, लेजिम, नृत्य और गीतों ने जुलूस की शोभा बढ़ाई। महिलाओं का ढोल नृत्य, कुंभ मेला, स्कूली छात्रों और ग्रामीणों के भव्य जुलूस के साथ जत्था गांव की मुख्य सडक़ों से गुजरा। जनता ने हमारा संविधान हमारा गौरव है, हमारा संविधान हमारी प्रतिष्ठा है, जय भीम, अंबेडकर, बसवन्ना के नारे लगाए। बैलगाड़ी और ट्रैक्टर के जरिए निकाली गई डॉ. बीआर अंबेडकर और बसवन्ना के चित्रों की शोभा यात्रा ने सभी का ध्यान खींचा। सडक़ के किनारों पर आकर्षक रंगोलियां बनाई गईं थी।
जुलूस में समाज कल्याण विभाग की सहायक निदेशक कफिला एलूवगी, विभिन्न विभागों के अधिकारी, ग्राम पंचायत अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, सदस्य, कर्मचारी, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति के नेता, बाल विकास अधिकारी, आशा कार्यकर्ता, छात्र, ग्रामीण शामिल थे।
