बल्लारी. तुंगभद्रा किसान संघ ने जिले के कम्पली, कुरुगोड़, सिरुगुप्पा और बल्लारी ग्रामीण क्षेत्रों में तुंगभद्रा बाएं तट निम्न स्तरीय नहर (एलएलसी) के तहत उगाई जा रही धान की फसल के लिए 10 अप्रेल तक पानी छोडऩे की मांग की है।
तुंगभद्रा किसान संघ के अध्यक्ष दरूर पुरुषोत्तमगौड़ा ने सरकार, विधायकों और मंत्रियों को पत्र लिखा है।
पुरुषोत्तमगौड़ा ने कहा कि मौसम की स्थिति के कारण फसलें अभी तक पूरी तरह से विकसित नहीं हुई हैं। इसके लिए 10 अप्रेल तक पानी की जरूरत है। आंध्र प्रदेश इस नहर से 10 अप्रेल तक अपने हिस्से का पानी प्राप्त कर रहा है। उनके साथ हमारे हिस्से का 600 क्यूसेक पानी उनके पास छोडऩे पर मात्र फसलें आएंगी। अन्यथा लाखों एकड़ में उगाई गई धान की फसल नष्ट हो जाएगी।
प्रतिदिन जलाशय से बल्लारी, विजयनगर, कोप्पल और रायचूर जिलों की सभी नहरों में प्रतिदिन कुल 7072 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है। आईसीसी बैठक में लिए गए निर्णय के अनुसार इस माह के अंत तक प्रतिदिन 7072 क्यूसेक पानी छोडऩे पर केवल 10.608 टीएमसी पानी मात्र उपयोग होगा और जलाशय में अभी भी सभी का हिस्सा 11 टीएमसी पानी रहेगा।
एलएलसी नहर को 10 दिनों तक प्रतिदिन 600 क्यूसेक पानी छोडऩे पर केवल आधा टीएमसी पानी की आवश्यकता होगी। इसके चलते आंध्र प्रदेश के पानी के साथ हमारा पेयजल 10 अप्रेल तक छोडऩा चाहिए।