धर्मस्थल: ग्रामीण स्कूलों में 1,074 अतिथि शिक्षक नियुक्तसांदर्भिक फोटो।

ज्ञानदीप कार्यक्रम से बच्चों को शिक्षा से वंचित होने से बचाया जा रहा है

मेंगलूरु. राज्यभर में ग्रामीण स्कूलों में शिक्षक की कमी को ध्यान में रखते हुए धर्मस्थल धर्माधिकारी डॉ. डी.वीरेंद्र हेग्गड़े ने इस शैक्षणिक वर्ष में 1,074 स्कूलों में ज्ञानदीप अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति की जानकारी दी। यह जानकारी संस्था के कार्यकारी निदेशक अनिल कुमार एस.एस. ने साझा की।

ज्ञात हो कि 30 साल पहले स्कूलों के मूलभूत ढांचे में सुधार के उद्देश्य से ज्ञानदीप शिक्षा कार्यक्रम शुरू किया गया था। इसके तहत कक्षा कक्ष, शौचालय, खेल का मैदान, स्कूल परिसर, विद्युत व्यवस्था, पीने का पानी, रंगमंच, स्कूल भवन की मरम्मत और डेस्क-बेंच जैसी सुविधाओं के लिए अब तक कुल 73.07 करोड़ रुपए का अनुदान प्रदान किया जा चुका है।

275 स्कूलों में विशेष प्रयास
ज्ञानदीप शिक्षकों के माध्यम से 6 से 14 वर्ष के बच्चों को घर जाकर फिर से स्कूल में लौटाने का प्रयास किया जा रहा है। शैक्षणिक वर्ष 2025-26 में लगभग 1,074 ज्ञानदीप सम्मानित शिक्षक विभिन्न ग्रामीण स्कूलों में नियुक्त किए गए हैं, जिनमें से 275 स्कूल एकोपाध्याय (एकल शिक्षक) विद्यालय हैं।

29 करोड़ रुपए का बजट
शिक्षक और छात्रों की अनुपातिक स्थिति को देखते हुए जहां शिक्षक की कमी अत्यधिक है, वहां ज्ञानदीप शिक्षकों की नियुक्ति की जा रही है। इन शिक्षकों की सेवा ग्रामीण बच्चों को पढ़ाई से वंचित होने से बचाने में सहायक साबित हो रही है। इन शिक्षकों को अब तक कुल 29 करोड़ रुपए का मासिक वेतन धर्मस्थल ग्रामीण विकास योजना के तहत वितरित किया गया है।

अल्पसंख्यक और पिछड़े परिवारों के बच्चों को विशेष प्रोत्साहन
डॉ. डी. वीरेंद्र हेग्गड़े ने बताया कि ग्रामीण विकास में शिक्षा की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। आर्थिक रूप से मजबूत परिवार शहरों के अच्छे स्कूलों में बच्चों को भेजते हैं, जिससे गरीब बच्चों को अवसरों से वंचित होना पड़ता है। इसी को ध्यान में रखते हुए, धर्मस्थल ग्रामीण विकास योजना सरकारी स्कूलों में गरीब और पिछड़े बच्चों के शिक्षा के लिए विशेष प्रोत्साहन प्रदान कर रही है।

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