कलबुर्गी. कलबुर्गी, बीदर और बल्लारी में वचन पितामह डॉ. फ.गु. हळकट्टी की 146वीं जयंती मनाई गई। इसके उपलक्ष्य में बुधवार को संबंधित जिला प्रशासन, कन्नड़ और संस्कृति विभाग, नगर निगम और जिला पंचायत के संयुक्त तत्वावधान में “वचन साहित्य संरक्षण दिवस” का आयोजन किया गया था।

हळकट्टी के प्रयास अद्वितीय

कलबुर्गी में आयोजित कार्यक्रम का उद्घाटन कर चेंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष शरणु पप्पा ने कहा कि वचन साहित्य को संरक्षित करने में हळकट्टी के प्रयास अद्वितीय और अविस्मरणीय हैं।

सरकारी प्रथम श्रेणी कॉलेज, टेक्सटाइल्स के प्राचार्य डॉ. बसवा पाटिल ने विशेष व्याख्यान दिया।

इस कार्यक्रम में आरसी घाले, रवींद्र शाहबादी, शिवशरणप्पा दन्नी, जगदईश्वरी शिवकेरी, पंपय्या, अप्पाराव अक्कोने, शिवपुत्रप्पा भावी, शिवराज अंगड़ी और अन्य उपस्थित थे। इससे पहले जाहन्वी और शरणकुमार मोदी ने शहर में आयोजित भव्य जुलूस को हरी झंडी दिखा कर रवाना किया।

शोध के क्षेत्र में महान योगदान दिया

बल्लारी में आयोजित कार्यक्रम का उद्घाटन कर जिला गारंटी योजना कार्यान्वयन प्राधिकरण के अध्यक्ष केई चिदानंदप्पा ने कहा कि डॉ. फकीरप्पा गुरुबसप्पा हळकट्टी ने अपना जीवन वचन साहित्य के संरक्षण के लिए समर्पित करके शिवशरणों के जीवन मूल्यों की खोज, अन्वेषण, संग्रह, संपादन और प्रकाशन करके शोध के क्षेत्र में महान योगदान दिया है।

इंजीनियरिंग कॉलेज के प्रोफेसर डॉ. ए. तिम्मनगौड़ा ने विशेष व्याख्यान दिया।

कार्यक्रम में के. दोड्डय्या वी.कल्लूर की टीम ने वचन संगीत प्रस्तुत किया। इस अवसर पर बी. नागराज, मोहम्मद साधिक बाशा, विभिन्न स्कूल एवं कॉलेज के छात्र एवं अन्य उपस्थित थे।

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