धारवाड़ तालुक के मादनबावी गांव में मनरेगा के तहत झील, नहर से गाद निकालने और कृषि तालाबों और खेतों के मेंड निर्माण कार्य का अवलोकन कर जानकारी प्राप्त करतीं सीईओ स्वरूपा टी.के.।

सीईओ स्वरूपा टीके ने किया दौरा, लिया जायजा
हुब्बल्ली. धारवाड़ जिला पंचायत की मुख्य कार्यकारी अधिकारी स्वरूपा टीके ने कहा कि सूखे की स्थिति के कारण ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों को पलायन से रोकने के लिए धारवाड़ जिले के सभी तालुकों में मनरेगा के तहत झील, नहर से गाद निकालने और कृषि तालाबों और खेतों के मेंड निर्माण का कार्य किया गया है।
धारवाड़ तालुक के दुब्बनमरडी और मादनभावी गांवों का दौरा कर मनरेगा योजना के तहत किए गए विभिन्न कार्यों और मादनभावी के किसान दयानंद होलेहडगली के पपीते के बागान का जायजा लेने के बाद बोल रहीं थी।
उन्होंने कहा कि इस सूखे की स्थिति में मनरेगा योजना ग्रामीण लोगों और किसानों के लिए जीवन का सहारा बनी हुई है। जहां भी मजदूरी की मांग आती हैं, उन्हें उनके गृहनगर में ही काम दिया जा रहा है और पिछले वर्ष के लक्ष्य में 90 प्रतिशत से अधिक प्रगति हुई है।
स्वरूपा टीके ने कहा कि इस अभियान के तहत जिले में व्यक्तिगत एवं समूह कार्य प्रारंभ किए गए हैं तथा प्राकृतिक संसाधनों को बढ़ाने के लिए चेक डैम एवं नहरों का निर्माण, झील के किनारे वनरोपण एवं पौधे लगाने के लिए गड्ढे खोदने को प्राथमिकता दी जा रही है। 2023-24 की कार्य योजना में 328 झीलों की गाद हटाने और विकास का लक्ष्य है।
उन्होंने कहा कि अभियान का उद्देश्य मजदूरी आधारित रोजगार सृजित करना और ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों को निरंतर काम प्रदान करना है। इसका उद्देश्य विशेष रूप से विकलांगों, महिलाओं, वरिष्ठ नागरिकों, कमजोर वर्गों को जॉब कार्ड के साथ प्राथमिकता पर रोजगार प्रदान करके ग्रामीण क्षेत्रों में प्रलायन दर को कम करना है। यह अभियान 15 मार्च से शुरू हुआ है और मई के अंत तक जारी रहेगा।
स्वरूपा ने कहा कि जिले में मनरेगा योजना के तहत 1.69 लाख रोजगार वाउचर हैं। 1.56 लाख कर्मचारी हैं। वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए 26 लाख मानव दिवस का लक्ष्य दिया गया था। इसमें 89.77 फीसदी लक्ष्य हासिल कर लिया गया है। 449 परिवारों ने 100 मानव दिवस का लक्ष्य हासिल कर लिया है।

जिले में कुल 102 नर्सरी खोली गई हैं
जिला पंचायत के सीईओ स्वरूप टीके ने कहा कि मनरेगा मजदूरों के बच्चों की देखभाल के लिए जिले में कुल 102 नर्सरी (कूसिन मने) खोली गई हैं। नर्सरी को अनुदान, स्वयं के भवन, खिलौने और आवश्यक सामान प्रदान किए गए हैं। बच्चों की देखभाल के लिए 1020 प्रशिक्षित महिला केयरटेकर नियुक्त की गई हैं। 561 लडक़ों और 577 लड़कियों सहित कुल 1138 बच्चों का दाखला किया गया है।
जिला पंचायत के मुख्य योजना अधिकारी दीपक मडिवालर, बागवानी विभाग के सहायक निदेशक इमतियाज, मादनबावी तालुक पंचायत के कार्यकारी अधिकारी सुभाष संपगावी, सहायक निदेशक गिरिश कोरी, ग्राम पंचायत पीडीओ शेखप्पा बेटदूर, ड्रैगन फ्रूट्स उत्पादक रघुनाथ क्यासनूर और अरविंद चव्हाण, पपीता उत्पादक किसान दयानंद होलेहडगली आदि उपस्थित थे।

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