मेगा कोचिंग टर्मिनल के निर्माण की योजना
दपरे ने रेलवे बोर्ड को सौंपा प्रस्ताव
परियोजना के लिए 1 किमी लंबाई और 1 किमी चौड़ाई वाले भूमि क्षेत्र की आवश्यकता
हुब्बल्ली. शहरीकरण, जनसंख्या और यात्रियों की संख्या में साल-दर-साल वृद्धि के कारण बुनियादी ढांचे की कमी होती जा रही है। रेलवे सुविधाएं भी इसका अपवाद नहीं हैं। इसके चलते दक्षिण पश्चिम रेलवे (दपरे) अगले 30 वर्षों की दृष्टि से रेल सुविधाएं बढ़ाने की योजना बना रहा है। इनमें से सबसे महत्वपूर्ण मेगा कोचिंग टर्मिनल निर्माण परियोजना है।
दपरे ने हुब्बल्ली और बेंगलूरु के देवनहल्ली में बड़े पैमाने पर रेलवे मेगा कोचिंग टर्मिनल बनाने की योजना तैयार की है और इस संबंध में रेलवे बोर्ड को प्रस्ताव सौंपा है।
दक्षिण पश्चिम रेलवे के अधिकारियों ने बताया कि पिछले वर्ष रेलवे बोर्ड ने रेलवे को नई परियोजनाओं के लिए प्रस्ताव तैयार कर प्रस्तुत करने का निर्देश दिया था। इस संदर्भ में बुनियादी ढांचे के विस्तार और रेल यात्रियों की बढ़ती संख्या को ध्यान में रखते हुए एक दूरदर्शी मेगा कोचिंग टर्मिनल परियोजना तैयार की गई है। बोर्ड कभी भी प्रस्ताव को हरी झंडी दे सकता है।
प्लेटफार्म यातायात में वृद्धि का अनुमान
दक्षिण पश्चिम रेलवे ने अनुमान लगाया है कि जुड़वां शहरों की जनसंख्या 2041 तक 25.6 लाख तक बढ़ सकती है, जिसके परिणामस्वरूप हुब्बल्ली रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म पर प्रतिदिन 2 लाख लोगों की आवाजाही होगी। वर्तमान में हुब्बल्ली रेलवे स्टेशन पर 40,000 लोगों की भीड़ है। वर्तमान में रेलवे स्टेशन पर 8 प्लेटफार्म, 4 रखरखाव लाइनें (पिट लाइन) और प्रतीक्षारत ट्रेनों के लिए तीन लाइनें हैं। विभिन्न प्रकार की लाइनें चल रही हैं, जिनमें प्लेटफार्म रहित 2 लाइनें भी शामिल हैं। 73 ट्रेनों में से 31 ट्रेनें हुब्बल्ली से चल रही हैं। विभिन्न स्थानों से 42 रेलगाडिय़ां आती-जाती हैं। ऐसा अनुमान है कि 2050 तक प्रतिदिन 250 से अधिक रेलगाडिय़ां चल सकेंगी।
वर्तमान में प्लेटफार्म 6 और 7 पर एक ही निकास है। प्लेटफार्म 5 हमेशा चालू रहता है। यह आसान, सुरक्षित रखरखाव में बाधा बन गया है। तीन मौजूदा स्टेबलिंग लाइनों को साप्ताहिक और विशेष ट्रेनों को दिया जा रहा है, जिससे दैनिक ट्रेनों के ठहराव और समय की पाबंदी बाधित हो रही है। इन सुविधाओं के कारण वर्तमान में जनसंख्या और स्टेशन पर भीड़ को नियंत्रित करना कठिन हो रहा है। भविष्य की आबादी और रेलवे स्टेशन यातायात के लिए पर्याप्त नहीं है। सुविधाएं बढ़ाना भी अनिवार्य हो गया है। इसे समझते हुए दक्षिण पश्चिम रेलवे ने सांख्यिकीय विश्लेषण के साथ अपने प्रस्ताव में कहा है कि मेगा कोचिंग टर्मिनल आवश्यक है।
32 लाइन निर्माण
अनुमान है कि प्रस्तावित मेगा रेलवे कोचिंग टर्मिनल के लिए एक किमी लंबाई और एक किमी चौड़ाई वाले भूमि क्षेत्र की आवश्यकता होगी। इसमें प्रतीक्षारत ट्रेनों के लिए रखरखाव लाइन (पिट लाइन), मालगाडिय़ों के लिए अलग लाइन, ट्रेन के डिब्बों के लिए जलापूर्ति सहित सभी प्रकार की ट्रेनों के ठहराव के लिए कुल 32 लाइनों का निर्माण किया जाएगा।
यह विश्लेषण किया जा रहा है कि इस प्रकार की बड़ी कोचिंग टर्मिनल निर्माण परियोजना शहरी बाहरी क्षेत्रों के विकास में सहायक होगी।