राज्य के सभी जिलों में सरकारी मेडिकल कॉलेजमेंगलूरु के मैरीहिल में राजीव गांधी स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय (आरजीयूएचएस) के मेंगलूरु क्षेत्रीय मुख्यालय के शिलान्यास समारोह को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री सिद्धरामय्या।

तटवर्ती क्षेत्र के लिए दो सरकारी मेडिकल कॉलेज
मुख्यमंत्री सिद्धरामय्या ने की घोषणा
मेंगलूरु. मुख्यमंत्री सिद्धरामय्या ने कहा कि मेंगलूरु और उडुपी सहित राज्य के सभी जिलों में सरकारी मेडिकल कॉलेज खोले जाएंगे।
वे शुक्रवार को मैरीहिल में राजीव गांधी स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय (आरजीयूएचएस) के मेंगलूरु क्षेत्रीय मुख्यालय के शिलान्यास समारोह में बोल रहे थे।
उन्होंने कहा कि जब मैं वित्त मंत्री था, तब मैंने कहा था कि हर जिले में एक सरकारी मेडिकल कॉलेज और एक सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल होना चाहिए परन्तु यह मुमकिन नहीं हुआ। मेंगलूरु, उडुपी शैक्षणिक और चिकित्सा स्थल हैं। यहां कई निजी अस्पताल हैं, जिससे चिकित्सा सेवा अच्छी है। इसके चलते यहां कोई सरकारी मेडिकल कॉलेज नहीं है परन्तु आगामी दिनों में हम यहां भी इसकी शुरुआत करने जा रहे हैं। अधिक सरकारी कॉलेज होने पर मात्र गरीबों के बच्चे डॉक्टर बन सकेंगे। जो लोग कठिनाइयों के प्रति जागरूक हैं, वे गरीबों की मदद कर सकते हैं।

बीपीएल के लिए मुफ्त इलाज, सीएम ने दिया आदेश
मुख्यमंत्री ने कहा कि अब अजीब बीमारियां आ रही हैं। गरीब लोग इससे बहुत पीडि़त हैं। कई लोग मुख्यमंत्री राहत कोष के लिए आवेदन कर रहे हैं। इसलिए नेफ्रोलॉजी संस्थान और जयदेव संस्थान को सभी बीपीएल कार्डधारकों को मुफ्त इलाज उपलब्ध कराने को कहा गया है। एपीएल कार्डधारकों के लिए उनकी क्षमता के आधार पर फीस तय करनी चाहिए।

तटीय और पर्वतीय छात्रों को लाभ
उन्होंने कहा कि तटीय क्षेत्र के चिकित्सा एवं अर्ध-चिकित्सा संस्थानों के छात्रों, व्याख्याताओं और संस्था के प्रमुखों को वर्तमान में अपनी किसी भी समस्या के समाधान के लिए बेंगलूरु जाना पड़ता है। मेंगलूरु में 49 करोड़ रुपए की लागत में क्षेत्रीय केंद्र शुरू होने के बाद यहीं से समाधान मिल जाएगा। इस केंद्र में कौशल एवं सिमुलेशन प्रयोगशाला बनाई जाएगी। यह केंद्र कोडगु, दक्षिण कन्नड़, उडुपी, उत्तर कन्नड़ और चिक्कमगलूरु जिलों को कवर करता है और इससे यहां के छात्र लाभान्वित होंगे।

गरीबों का स्वास्थ्य सरकारी डॉक्टरों की जिम्मेदारी
मुख्यमंत्री ने कहा कि अमीर लोग निजी अस्पतालों में इलाज कराने के लिए बहुत पैसा खर्च करते हैं। गरीब और ग्रामीण लोगों की स्वास्थ्य देखभाल सरकारी अस्पताल के डॉक्टरों की जिम्मेदारी है। अब हम सभी डॉक्टरों से यह नहीं कह सकते कि वैद्यो नारायणो हरि। क्योंकि जैसे अच्छे डॉक्टर होते हैं, वैसे ही बुरे डॉक्टर भी होते हैं। गरीबों को देखभाल के साथ स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराना महत्वपूर्ण है।

विभानसभा अध्यक्ष यूटी खादर ने कहा कि बुद्धिमत्ता के साथ-साथ मानवता और भाईचारे की भावना होने पर मात्र देश का भविष्य निर्माण कर सकते हैं।
चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ. शरण प्रकाश रुद्रप्पा पाटिल ने कहा कि देश में सबसे अधिक मेडिकल कॉलेज कर्नाटक और तमिलनाडु में हैं। सरकार राज्य के विद्यार्थियों को अधिक अवसर उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है।
विधायक डॉ. भरत शेट्टी वाई. ने कहा कि इस क्षेत्रीय मुख्यालय को सभी आवश्यक सुविधाओं के साथ बनाया जाएगा। छात्रों को काफी अवसर मिलेंगे।
इस अवसर पर जिला प्रभारी मंत्री दिनेश गुंडूराव, सांसद क्याप्टन बृजेश चौटा, विधायक अशोक कुमार राई, विधान परिषद सदस्य मंजुनाथ भंडारी, ऐवान डिसूजा, मुख्यमंत्री के सचिव गोविंदराजू, महापौर मनोज कुमार, चिकित्सा शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव मोहम्मद मोहिसिन, मुख्यमंत्री के अतिरिक्त मुख्य सचिव एल.के. अतीक, राजीव गांधी स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. एम.के. रमेश, रजिस्ट्रार पी.आर. शिवप्रसाद, जिलाधिकारी मुल्लई मुगिलन आदि उपस्थित थे। चेतन शेट्टी और प्रो. गीश्मा ने कार्यक्रम का संचालन किया।

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