लोगों में बजट से काफी उम्मीदें
हावेरी. इलायची की महक की भूमि और लघु कल्याण के तौर पर विख्यात हावेरी को नया जिला बनने के बाद से कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। जिले के लोगों को राज्य सरकार की ओर से पेश किए जाने वाले हर बजट से काफी उम्मीदें रहती हैं, परन्तु हर बार उनके साथ विश्वासघात किया जाता रहा है।
इस बार भी कांग्रेस के नेतृत्व वाली सरकार बजट पेश करने के लिए तैयार है और फिर से वही उम्मीदें जगी हैं।
कर्नाटक के मध्य भाग में स्थित हावेरी को उत्तर कर्नाटक का प्रवेश द्वार माना जाता है। राष्ट्रीय राजमार्ग और रेल संपर्क उत्कृष्ट हैं। उद्योगों की स्थापना एवं उद्योगों को सामग्री की आपूर्ति के लिए पर्याप्त परिवहन सुविधाएं उपलब्ध हैं। इन सभी सुविधाओं के बावजूद, हावेरी जिला विकास में पिछड़ गया है। जिले के लिए कुछ परियोजनाएं स्वीकृत की गई हैं, परंतु उनका क्रियान्वयन पर्याप्त रूप से नहीं होने का आरोप भी है।
लोग स्थानीय राजनेताओं और अधिकारियों की इच्छाशक्ति की कमी के कारण जिले के पिछडऩे को दोषी मानते हैं। मुख्यमंत्री सिद्धरामय्या इस वर्ष का बजट पेश करने की तैयारी कर रहे हैं, वहीं लोग मांग कर रहे हैं कि वे हावेरी जिले पर दया दिखाएं।
पेयजल, सीवेज प्रणाली, झीलों और उद्यानों का विकास, स्वास्थ्य और शिक्षा सहित कई क्षेत्रों में कई समस्याएं हैं। क्या इस बजट सबसे महत्वपूर्ण समस्याओं का समाधान हो पाएगा? लोग इसका इंतजार कर रहे हैं।
सिंचाई के लिए बेड़ती-वरदा नदियों को जोडऩे की मांग
किसान नेताओं का कहना है कि जिले के अधिकांश लोग अपनी आजीविका के लिए कृषि पर निर्भर हैं। यहां के लोगों की कृषि गतिविधियों के लिए स्थाई सिंचाई प्रणाली की आवश्यकता है। इसके लिए किसान बेड़ती-वरदा नदियों को जोडऩे की मांग कर रहे हैं। यदि बेड़ती-वरदा नदियों को जोड़ दिया जाए तो जिले के किसानों को कृषि कार्यों के लिए पानी उपलब्ध हो जाएगा। इससे किसानों का जीवन बेहतर होगा। नदियों को जोडऩे का संघर्ष कई वर्षों से चल रहा है। कम से कम इस वर्ष के बजट में परियोजना के लिए विशेष अनुदान की घोषणा करनी चाहिए।
उद्योगों की स्थापना की मांग
लोगों का कहना है कि हावेरी एक कृषि प्रधान जिला होने के कारण, कृषि आधारित उद्योगों की स्थापना के लिए एक आदर्श स्थान है परन्तु यहां आबादी के अनुपात में उद्योग स्थापित नहीं होने को लेकर लोगों में गुस्सा है। मुख्यमंत्री को इस बार बजट में कम से कम नए उद्योगों की स्थापना का जिक्र करना चाहिए। जिले में मक्का, सोयाबीन, लाल मिर्च और अन्य कृषि उत्पाद व्यापक रूप से उगाए जाते हैं। इनका उपयोग कर उप-उत्पाद तैयार करने वाले उद्योग जिले में स्थापित करने चाहिए। इससे पहले भी जिले में कारखानों की स्थापना की घोषणा की गई थी परन्तु कई स्थानों पर कारखानों की स्थापना धीमी रही है। कोलूर के पास भी कारखाना भी बनाया जा रहा है, परन्तु यह अभी तक पूरा नहीं हुआ है। कम से कम आधी-अधूरी परियोजनाओं को तो पुनर्जीवित करने की आवश्यकता है।
जिले में बेरोजगारी दर बढ़ गई है। युवा पुरुष और युवतियां नौकरी की तलाश में बेंगलूरु, मैसूर, मेंगलूरु, चेन्नई और मुंबई जैसे दूरदराज के शहरों को जा रहे हैं। लोग ऐसे युवक-युवतियों को स्थानीय स्तर पर रोजगार उपलब्ध कराने की मांग कर रहे हैं।
हेग्गेरी झील का विकास बना मृगतृष्णा
जिला मुख्यालय हावेरी में पर्यटन स्थलों का अभाव है। हेग्गेरी झील राष्ट्रीय राजमार्ग के समीप स्थित है, और इसका विकास भी मृगतृष्णा बना हुआ है। गर्मियों के दौरान, हेग्गेरी झील से ही हावेरी को पानी की आपूर्ति की जाती है परन्तु अभी तक झील विकास पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया गया है। अक्सर केवल अस्थायी कार्य ही किए जा रहे हैं और लोग स्थायी विकास योजना की मांग कर रहे हैं।
हेग्गेरी झील के विकास के लिए पहले भी धनराशि प्राप्त हुई थी परन्तु विकास पर्याप्त नहीं हुआ है। ग्लास हाउस का निर्माण भी रुका हुआ है। इन कार्यों की जांच होनी चाहिए। इसके अलावा हेग्गेरी झील को उचित तरीके से विकसित करने के लिए नई योजनाएं बनाने और उन्हें क्रियान्वित करने की लोग मांग कर रहे हैं।
लोगों की मांग है कि जिले में शैक्षणिक अध्ययन के लिए विद्यार्थियों की संख्या में वृद्धि हुई है, इसके हिसाब से नए छात्रावास स्थापित करने चाहिए। साथ ही हर तालुक में एक नर्सिंग कॉलेज खोलना चाहिए।
जिला अस्पताल और तालुक अस्पतालों को सभी सुविधाएं उपलब्ध कराई जानी चाहिए। स्कूल भवन का निर्माण करना चाहिए। किराए के भवनों में स्थित छात्रावासों के लिए स्वयं के भवन का निर्माण कराना चाहिए। पेयजल समस्या का स्थायी समाधान सुझाना चाहिए। खस्ताहाल सडक़ों के स्थाई विकास के लिए कार्रवाई समेत विभिन्न मांगों के पूरा होने का लोग इंतजार कर रहे हैं।
उद्योग स्थापित करें
जिले में कृषि आधारित उद्योग स्थापित करने चाहिए। इससे युवाओं को रोजगार मिलेगा।
–बसवराज पूजार, राज्य सचिव, डीवाईएफआई
निर्णय वापस लें
हावेरी विश्वविद्यालय को बंद करने का निर्णय वापस लेना चाहिए और विशेष अनुदान की घोषणा करनी चाहिए।
–बसवराज, जिला अध्यक्ष, एसएफआई
समाधान निकालें
किसानों को पर्याप्त बिजली नहीं मिल रही है। ट्रांसफार्मर भी उपलब्ध नहीं है। बजट में इसका समाधान निकालना चाहिए।
–शिवराज सज्जनर, भाजपा नेता
हेग्गेरी झील को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करें
हेग्गेरी झील की भूमि पर अतिक्रमण किया गया है और इसे हटाना चाहिए। इसे पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने के लिए योजना बनानी चाहिए।
–अब्दुल हुब्बल्ली, सचिव, डॉ. महादेव बणकार राष्ट्रीय स्मारक ट्रस्ट