हुब्बल्ली. वरिष्ठ कांग्रेस नेता एसआर पाटिल ने कहा कि राजनीति में जो लोग हैं, वे साधु-सन्यासी नहीं हैं। हर किसी की इच्छा मंत्री बनने की होती है। मुख्यमंत्री बदलने का मुद्दा पार्टी नेताओं पर छोड़ा गया है। उत्तर कर्नाटक से मुख्यमंत्री बनेंगे तो हम स्वागत करेंगे।
शहर में पत्रकारों से बातचीत करते हुए पाटिल ने कहा कि वे सत्ता के बंटवारे के बारे में नहीं जानते। क्या चर्चा हुई उन्हें मालूम नहीं है। यह वरिष्ठों के निर्णय के अनुसार किया गया है, उन्हीं पर निर्णय निर्भर है। उन्हें सत्ता साझेदारी को लेकर हुई बातचीत के बारे में जानकारी नहीं है।
सुरजेवाला की ओर से सार्वजनिक बयान न देने के मुद्दे पर प्रतिक्रिया देते हुए पाटिल ने कहा कि पार्टी अनुशासन का उल्लंघन करने से पार्टी बिखर जाएगी। इसलिए उन्होंने कहा कि मीडिया के सामने मत जाओ। कांग्रेस विधायक दल की बैठक में अपने विचार व्यक्त कर सकते हैं। इसके बजाय, अगर मीडिया के पास जाकर उन्हें बताएंगे तो समस्या हल नहीं होगी। रणदीप सुरजेवाला ने इस संबंध में सख्त आदेश दिए हैं।
सत्ता में साझेदारी के मुद्दे पर दिए गए बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा कि राजनीति में कार्यकर्ता चाहते हैं कि वे विधायक बने। विधायक चाहते हैं कि वे मंत्री बने, मंत्री चाहते हैं कि वे मुख्यमंत्री बने। यह सामान्य है। सभी दावेदार ही हैं।
पाटिल ने कहा कि सिद्धरामय्या को हटाने के बारे में चर्चा कहां हुई है? मुझें नहीं पता। हमें लोगों के आंसू पोंछने के लिए राजनीति में आना चाहिए। अगर मैं कहूं कि आज राजनीति किस स्तर पर पहुंच गई है तो मेरा मुंह गंदा हो जाएगा।
सिद्धरामय्या के त्याग के शब्दों पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा कि उनमें ऐसी भावनाएं आई हैं। उनसे ही पूछना चाहिए। बजट के बाद मुख्यमंत्री का परिवर्तन हमारे पार्टी के वरिष्ठों पर छोड़ा गया मामला है। यह स्वाभाविक है कि शोषित वर्ग से कोई मुख्यमंत्री बने। मुख्यमंत्री उत्तर कर्नाटक से होने पर उनका स्वागत है। उत्तर कर्नाटक के लोगों को राजनीति में उचित प्रतिनिधित्व मिलना चाहिए। चाहे सत्ता में कोई भी पार्टी हो, हमारे साथ सौतेला व्यवहार किया जाता रहा है। हमारी सभी प्रमुख सिंचाई परियोजनाएं अभी तक पूरी नहीं हुई हैं।
