बेंगलूरु पहले स्थान पर, अंत में यादगिरी: प्रोत्साहन राशि वितरण में भी वृद्धि
हुब्बल्ली. पांच वर्षों में अंतरजातीय विवाह की संख्या में वृद्धि हुई है। बेंगलूरु पहले स्थान पर है तो यादगिरी जिला अंतिम स्थान पर है। दक्षिण कन्नड़ दूसरे स्थान पर और उडुपी जिला तीसरे स्थान पर है। वर्ष 2022-23 में, राज्य में 20,365 अंतरजातीय विवाह हुए हैं। बेंगलूरु नगर में सबसे अधिक 3,626 और यादगिरी में सबसे कम 122 अंतरजातीय विवाह हुए हैं। प्रोत्साहन राशि वितरण की मात्रा भी साल-दर-साल बढ़ रही है। 2021-22 में 171.84 करोड़ रुपए और 2022-23 में 94.62 करोड़ रुपए दिए गए हैं।

जानकारी दी जा रही है

सामाजिक कल्याण विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि अंतरजातीय विवाह के बारे में जागरूकता बढ़ाई जा रही है और पात्र दंपति को प्रोत्साहन मिलने को लेकर जानकारी दी जा रही है। इसके लिए पूरक तौर पर अंतरजातीय विवाह की संख्या में वृद्धि हुई है।

ऑनलाइन पर आवेदन के साथ आवश्यक दस्तावेजों को सौंपें : कुछ लोग नहीं जानते कि प्रोत्साहन राशि कैसे प्राप्त करें। इसके चलते उन्हें यह सुविधा नहीं मिल रही है। विवाहित जोड़ा समाज कल्याण विभाग से जानकारी प्राप्त कर एक वर्ष के भीतर ऑनलाइन पर आवेदन के साथ आवश्यक दस्तावेजों को सौंपने पर प्रोत्साहन राशि प्राप्त करने का अवसर है।

तीन लाख रुपए प्रोत्साहन राशि

अनुसूचित जाति, जनजाति महिला की शादी दूसरी जाति के व्यक्ति से होती है, तो दंपति को 3 लाख रुपए प्रोत्साहन राशि मिलेगी। ऊंची जाति की महिला की शादी अनुसूचित जाति, जनजाति के आदमी से होती है, तो दंपति को 2.5 लाख रुपए की प्रोत्साहन राशि मिलेगी। प्रोत्साहन के लिए आवेदन के साथ आधार कार्ड, मतदाता आईडी कार्ड, पैन कार्ड, दंपति का जाति प्रमाण पत्र, जन्म प्रमाण पत्र, आय प्रमाण पत्र, दंपति की तस्वीर और विवाह प्रमाण पत्र भी सौंपना चाहिए।

सुविधा भी मिली

धारवाड़ जिले के नवलगुंद के अंतरजातीय विवाहित जोड़े ने बताया कि दोनों 7 साल पहले प्यार कर विवाह किया। युवती के पारिवार का विरोध होने के बावजूद परवाह नहीं की। सरकार की ओर से सुविधा मिलने के बारे में पता चला। हमने प्रोत्साहन राशि के लिए आवेदन किया। सुविधा भी मिली। पुलिस से भी सुरक्षा मिली।

आवश्यक कार्रवाई की जाएगी
साल दर साल आवेदनों की संख्या बढ़ रही है। कुछ आवेदन तकनीकी कारणों से स्वीकार नहीं किए गए हैं। सब की समीक्षा कर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।

एमबी सण्णेर, सहायक निदेशक, सामाजिक कल्याण विभाग, धारवाड़

अनुदान की कमी

प्रोत्साहन राशि की मांग को लेकर कई आवेदन मिले हैं परन्तु अनुदान की कमी है। वित्त विभाग के ध्यान में लाकर प्रोत्साहन राशि वितरित करने के लिए कार्रवाई की जाएगी।

एचसी महादेवप्पा, समाज कल्याण मंत्री

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