बेलगावी. भाषा केवल संप्रेषण का माध्यम नहीं, बल्कि संस्कृति, पहचान और राष्ट्रीय एकता का सशक्त दर्पण होती है। इसी भावना को साकार करते हुए शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार की पहल के अंतर्गत भारतीय भाषा ग्रीष्मकालीन शिविर 2025 का शुभारंभ पीएम श्री केंद्रीय विद्यालय क्रमांक 2 बेलगावी कैंट में हुआ।
इस अभिनव शिविर का उद्देश्य छात्रों को भारत की समृद्ध भाषाई विविधता से परिचित कराना, भाषाओं के प्रति प्रेम जगाना और सांस्कृतिक समावेशिता को बढ़ावा देना है।
सप्ताह भर चलने वाले इस शिविर के दौरान हर दिन दो भारतीय भाषाओं को केंद्र में रखकर विविध गतिविधियां आयोजित की जाएंगी। इन गतिविधियों में भाषा सीखने के साथ-साथ संबंधित राज्यों के पारंपरिक संगीत, लोक कला, चित्रकला, स्थानीय व्यंजन, इतिहास व भूगोल से जुड़ी प्रस्तुतियां और अनुभवजन्य शिक्षण शामिल होंगे। इससे छात्रों को न केवल भाषा का ज्ञान मिलेगा, बल्कि उस क्षेत्र की समग्र सांस्कृतिक समझ भी विकसित होगी।
शिविर के पहले दिन विद्यार्थियों ने मराठी और कन्नड़ भाषाओं में अभिवादन सीखे और रंग-बिरंगे पोस्टरों के साथ उन्हें उत्साहपूर्वक प्रस्तुत किया। बच्चों ने संबंधित राज्यों के लोक संगीत की धुनों पर प्रस्तुति दी, पारंपरिक परिधान पहनकर चित्रकला व संस्कृति की झलक भी साझा की।
शिविर के उद्घाटन अवसर पर विद्यालय के प्राचार्य महेन्द्र कालरा ने कहा कि भारत की एकता उसकी भाषाई विविधता में छिपी है। जब बच्चे अन्य भाषाएं सीखते हैं, तो वे केवल शब्द नहीं, बल्कि विचार, भावनाएं और संस्कृति भी सीखते हैं। यह शिविर राष्ट्रीय एकता और विविधता का अद्भुत संगम है।
शिविर में कहानी सुनाना, संवाद अदायगी, पोस्टर प्रस्तुति, नृत्य-संगीत कार्यक्रम, व्यंजन प्रदर्शन जैसी विविध गतिविधियां शामिल हैं, जो छात्रों के बहुआयामी विकास को प्रोत्साहित करती हैं। शिक्षकों व विद्यार्थियों की सक्रिय भागीदारी इस पहल को एक उत्सव का रूप दे रही है।
पूरे सप्ताह के दौरान अंग्रेजी, मराठी, कन्नड़, हिन्दी जैसी भाषाओं से भी बच्चों को परिचित कराया जाएगा। इस प्रयास से छात्र न केवल भाषाई विविधता का सम्मान करना सीखेंगे, बल्कि भारत की एकता की भावना को भी आत्मसात करेंगे।