विधान परिषद के पूर्व सदस्य एमसी वेणुगोपाल ने कहा
हुब्बल्ली. राज्य पिछड़ा वर्ग जागरूकता मंच के अध्यक्ष एवं विधान परिषद के पूर्व सदस्य एमसी वेणुगोपाल ने कहा कि राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग की ओर से तैयार की गई जातिगत समीक्षा (सामाजिक, आर्थिक एवं शैक्षणिक) रिपोर्ट को जारी करने से पहले ही विरोध व्यक्त करना सही नहीं है।
शहर में पत्रकारों से बातचीत करते हुए वेणुगोपाल ने कहा कि 2015 में तत्कालीन मुख्यमंत्री सिध्दरामय्या ने जातिगत समीक्षा का आदेश देकर 178 करोड़ रुपए जारी किया था। समीक्षा रिपोर्ट का रिसाव नहीं हुआ है। साथ ही उसमें स्थित कुछ प्रतियों के गायब होने की बात झूठी है।
उन्होंने कहा कि समीक्षा रिपोर्ट अवैज्ञानिक है, जिसे जारी नहीं करना चाहिए कहकर कुछ प्रबल जातियों के नेता दबाव बना रहे हैं। जातिगत समीक्षा रिपोर्ट अभी तक जारी ही नहीं हुई है। इसे अवैज्ञानिक कैसे कहा जा सकता है।
वेणुगोपाल ने कहा कि भाजपा के कार्यकाल में ही पिछड़ा वर्ग आयोग के लिए जयप्रकाश हेगडे को अध्यक्ष नियुक्त किया गया। मुख्यमंत्री सिध्दरामय्या ने आयोग की अवधि को दो माह विस्तरित किया है। जनवरी में रिपोर्ट सौंपी जाएगी। बाद में सरकार को तुरन्त इसे जारी करना चाहिए। इससे अवसरों से वंचित सभी समुदायों को सामाजिक न्याय मिलेगा।
संवाददाता सम्मेलन में मोहन हिरेमनी, बसवराज गुरिकार, परशुराम तुुरमरी आदि मौजूद थे।