धर्मस्थल के अपमान का मामला
हुब्बल्ली. वरूर स्थित नवग्रहतीर्थ क्षेत्र के आचार्य गुणधरनंदी ने कहा कि धर्मस्थल और जैन समाज के विरुद्ध किए जा रहे अपमानजनक प्रचार और आलोचनाओं के खिलाफ जैन समाज राज्यव्यापी विरोध प्रदर्शन की तैयारी में है।
शहर में सोमवार को पत्रकारों को जानकारी देते हुए गुणधरनंदी ने कहा कि 5 अगस्त को हुब्बल्ली में जैन समाज के प्रमुखों की और 10 अगस्त को राज्यस्तरीय नेताओं की बैठक होगी। इसमें राष्ट्रीय राजमार्ग अवरोध कर प्रदर्शन करने पर निर्णय लिया जाएगा।
सोशल मीडिया पर अपमानजनक टिप्पणी पर नाराजगी
उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया पर जैन समाज और इसके राजाओं के विरुद्ध की जा रही निंदनीय टिप्पणियां बेहद पीड़ादायक हैं। जैन धर्म अहिंसा पर आधारित है और हमारे समाज के योगदान को नजरअंदाज करना उचित नहीं है। हमारे राजा कभी भी अत्याचारी नहीं थे। समाज ने साहित्य, धर्म और स्वतंत्रता संग्राम में कई योगदान दिए हैं। कुछ स्वार्थी तत्व जैन धर्म को बदनाम करने की साजिश रच रहे हैं।
गुणधरनंदी ने चेतावनी देते हुए कहा कि हम अहिंसक हैं परन्तु हमारे खिलाफ लगातार अत्याचार हो रहे हैं। अब और सहन नहीं करेंगे। अपमान करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग करते हुए हम आंदोलन करेंगे।
धर्मस्थल क्षेत्र पर की जा रही आलोचना निराधार
उन्होंने कहा कि कि धर्मस्थल एक आदर्श तीर्थक्षेत्र है परन्तु इसके विरुद्ध भी झूठा प्रचार किया जा रहा है। यूट्यूब और सोशल मीडिया पर फर्जी खबरें फैलाई जा रही हैं। धर्मस्थल क्षेत्र पर की जा रही आलोचना निराधार है। सरकार को इस पर नियंत्रण लाने के लिए ठोस नियम बनाने चाहिए।
वीरेंद्र हेग्गड़े के विरुद्ध आरोप अस्वीकार्य
गुणधरनंदी ने कहा कि धर्मस्थल और डॉ. वीरेंद्र हेग्गड़े पर बेबुनियाद आरोप लगाए जा रहे हैं। अगर जांच में यह साबित हो जाए कि उन्होंने कोई हत्या की है, तो मैं अपना सन्यास छोड़ दूंगा। जैन समाज का हिंदू मंदिरों में नेतृत्व करना कुछ लोगों को सहन नहीं हो रहा है। सरकार को एसआईटी जांच शीघ्र पूरी कर रिपोर्ट जारी करनी चाहिए। जैन समाज ने इस पूरे मुद्दे पर एकजुट होकर शांतिपूर्ण परन्तु प्रभावी आंदोलन करेगा।