स्वास्थ्य केंद्रों पर सर्पदंश की दवा का स्टॉक रखेंशिवमोग्गा के जिलाधिकारी कार्यालय कक्ष में स्वास्थ्य विभाग की ओर से जिले में क्रियान्वित किए जा रहे विभिन्न कार्यक्रमों की प्रगति समीक्षा बैठक को संबोधित करते हुए जिलाधिकारी गुरुदत्त हेगड़े।

जिलाधिकारी गुरुदत्त हेगड़े ने दिन निर्देश

शिवमोग्गा. सांप के काटने से पीडि़त व्यक्ति को समय पर उपचार नहीं मिलने पर उसकी मृत्यु हो सकती है इस कारण जिलाधिकारी गुरुदत्त हेगड़े ने स्वास्थ्य अधिकारियों को जिले के सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में सरकारी नियमों के अनुसार सांप और कुत्ते (श्वानों) के काटने पर आवश्यक दवाओं का स्टॉक रखने का निर्देश दिया है।
वे अपने कार्यालय कक्ष में स्वास्थ्य विभाग की ओर से जिले में क्रियान्वित किए जा रहे विभिन्न कार्यक्रमों की प्रगति समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए बोल रहे थे।

उन्होंने जिला स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण अधिकारी को शिकारीपुर तालुक के होतनकट्टे प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के अधिकार क्षेत्र में आने वाले मुडुबसिद्दापुर की 55 वर्षीय महिला लोलाक्षम्मा को सांप के काटे जाने के बाद सरकारी अस्पताल में इलाज कराने की सिफारिश नहीं करके हर्बल दवा देकर महिला की मौत कारण बने गौतमपुर के निकट कन्नूर के हर्बल विशेषज्ञ वासप्पा के खिलाफ मामला दर्ज करने का निर्देश दिया।

उन्होंने चिकित्सा अधिकारियों और आशा कार्यकर्ताओं को लोगों में जागरूकता पैदा करने, समय पर उपचार प्रदान करने और जिले के शिकारीपुर तालुक में सर्पदंश और मृत्यु के मामलों की उच्च संख्या को देखते हुए बहुमूल्य जीवन बचाने के लिए कदम उठाने की सलाह दी।

जिलाधिकारी ने ग्राम पंचायत स्तर पर कार्यरत आशा कार्यकर्ताओं को सलाह दी कि वे न केवल गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं पर ध्यान दें, बल्कि स्वास्थ्य और कभी-कभार होने वाली दुर्घटनाओं के मामले में ग्रामीण लोगों को आवश्यक सलाह और उपचार भी उपलब्ध कराएं।

उन्होंने सांप व कुत्ते के काटने की स्थिति में ढांढस बांधकर, बिना देरी किए तुरंत डॉक्टर से संपर्क कर उपचार कराने का प्रयास करने का निर्देश दिया। ग्रामीण लोगों को अपनी तत्काल स्वास्थ्य संबंधी आवश्यकताओं के लिए आशा कार्यकर्ताओं से सलाह और सहयोग लेने का भी निर्देश दिया।

इस अवसर पर जिला पंचायत के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एन. हेमंत ने कहा कि इस संबंध में आम लोगों में जागरूकता लाने के लिए कार्यक्रम आयोजित करने चाहिए। सभी डॉक्टरों को सांप और कुत्ते के काटने का इलाज करने में सक्षम होना चाहिए, तथा सरकारी अस्पतालों में सेवारत सभी डॉक्टरों को उचित प्रशिक्षण प्रदान करना चाहिए। जिंगल के माध्यम से जनता को शिक्षित करने के लिए कदम उठाने चाहिए।

चिकित्सकों को निर्देश देते हुए उन्होंने कहा कि सांप के काटने की महत्वपूर्ण और आपातकालीन स्थिति में, उपचार के लिए अस्पताल पहुंचे मरीज का तुरंत, बिना देरी किए और चिकित्सक की ओर से किसी भी तरह की लापरवाही किए बिना उपचार करना चाहिए। तालुक चिकित्सा अधिकारियों को अस्पतालों में हमेशा आवश्यक दवाइयां स्टॉक में रखनी चाहिए। इस संबंध में ग्राम पंचायतों में प्रचार बोर्ड लगने चाहिए। यदि सरकार से मुआवजा मिलता है तो मृतक के परिजनों को आवश्यक सलाह व सहयोग प्रदान करना चाहिए।

उन्होंने कहा कि 108 वाहन के कार्मिक भी मरीजों को बिना किसी अनावश्यक विलम्ब के उपचार के लिए उनके नजदीकी अस्पताल तक पहुंचाने में सहयोग करें, तथा आवश्यक उपचार के लिए उन्हें किस अस्पताल में ले जाना है, इसका निर्णय तुरंत लेना चाहिए।

जिलाधिकारी गुरुदत्त हेगड़े ने कहा कि कुत्ते के काटने के सबसे अधिक मामले जिले के सागर तालुक में दर्ज किए गए हैं। स्थानीय निकायों के मुख्य अधिकारियों को उन्हें नियंत्रित करने के लिए उचित उपाय करने चाहिए। तालुक कार्यकारी अधिकारियों और तालुक चिकित्सा अधिकारियों के बीच समन्वय आवश्यक है।

उन्होंने कहा कि अधिकांश मौकों में घरेलू कुत्तों के काटने के मामले सामने आ रहे हैं। तत्काल उपचार के लिए रेबीज वैक्सीन का स्टॉक रखकर काटे गए लोगों का उपचार करना चाहिए। इस संबंध में स्कूली बच्चों में बुनियादी जागरूकता पैदा करना चाहिए।

जिलाधिकारी ने कहा कि स्कूलों में मध्यान्ह भोजन (मिड डे मील) के बाद बचे हुए भोजन को खाने के लिए आने वाले कुत्तों से बच्चों के काटने की संभावना बनी रहती है, इसलिए स्कूल शिक्षकों को एहतियाती कदम उठाने की जरूरत है।

शिवमोग्गा मलनाड क्षेत्र में आता है इस लिए जिला पंचायत के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एन. हेमंत ने डॉक्टरों को आवश्यकता से अधिक मात्रा में कुत्ते और सांप के काटने की दवा का स्टॉक रखने का निर्देश दिया।

जिलाधिकारी गुरुदत्त हेगड़े ने कहा कि राज्य में कोविड-19 के नए स्वरूप के संक्रमण के मामले सामने आ रहे हैं और जनता को सरकार की ओर से पहले से जारी सुरक्षा उपायों का पालन करना चाहिए। बच्चों, बुजुर्गों, गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं को नियमों का सख्ती से पालन करना चाहिए। संदिग्ध बुखार, खांसी, नाक बहना, जुकाम, सांस लेने में तकलीफ आदि लक्षण पाए जने पर स्थानीय स्तर पर कोरोना संक्रमण के लिए बलगम की जांच करानी चाहिए और अभी से जिले के सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर बलगम की जांच करने के निर्देश दिए गए हैं।

उन्होंने कहा कि हमेशा की तरह, जिले में मानसून समय पर शुरू हो गया है और स्वास्थ्य अधिकारियों को संक्रामक रोगों पर नियंत्रण पर विशेष ध्यान देना चाहिए। जन जागरूकता के लिए अनेक कार्यक्रम आयोजित करने चाहिए तथा लोगों को संक्रामक रोगों के प्रति जागरूक करना चाहिए।

डॉ. गुडदप्पा कसुबी ने कहा कि जिले भर में लार्वा सर्वेक्षण किया जा रहा है। बाहरी स्रोतों से अतिरिक्त कर्मचारियों की भर्ती की प्रक्रिया चल रही है।

बैठक में जिला स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण अधिकारी डॉ. नटराज, डॉ. नागराज नाइक, डॉ. गुडदप्प कसुबी सहित जिले के सभी तालुकों से आए स्वास्थ्य अधिकारी और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित थे।

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