बीदर. बीदर विश्वविद्यालय की प्रशासनिक रजिस्ट्रार सुरेखा ने कहा कि राज्य की राजधानी बेंगलूरु के वास्तुकार नाडप्रभु केम्पेगौड़ा का योगदान अतुलनीय है। वर्तमान में केम्पेगौड़ा जैसे साहसी व्यक्तियों और योग्य प्रशासकों की आवश्यकता है। बेंगलूरु के वास्तुशिल्प डिजाइन को वैश्विक स्तर पर दर्ज करने का श्रेय केम्पेगौड़ा को जाता है।
वे शुक्रवार को बीदर विश्वविद्यालय में आयोजित नाडप्रभु केम्पेगौड़ा की जयंती पर केम्पेगौड़ा के चित्र की पूजा-अर्चना कर कार्यक्रम में बोल रहीं थी।
उन्होंने कहा कि देश की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध परिवार के वंशज केम्पेगौड़ा के खून में वीरता और नेतृत्व की संस्कृति है। यही कारण है कि उनका प्रशासन और कार्य बेदाग है।
विश्वविद्यालय के मूल्यांकन रजिस्ट्रार प्रो. परमेश्वर नाइक टी. ने कहा कि बेंगलूरु के आकर्षण और प्रसिद्धि में नाडप्रभु केम्पेगौड़ा की भूमिका महत्वपूर्ण है। एक बहुत ही सुंदर, नियोजित शहर के विचार के स्वप्नद्रष्टा केम्पेगौड़ा ने ऐसे विकास कार्य किए, जिसने दुनिया को चकित कर दिया।
इस कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के शिक्षण और गैर-शिक्षण कर्मचारी और छात्र मौजूद थे।