हिरियूर. आचार्य विमल सागर सूरीश्वर ने कहा कि दयालु, परोपकारी, सत्वशाली और चरित्रवान विद्यार्थियों को भारतीय प्रशासनिक सेवा और भारतीय पुलिस सेवा के क्षेत्र में संकल्प पूर्वक आगे आना चाहिए।
भारतीय पुलिस सेवा के क्षेत्र में आगे बढ़ रहे कलंबेल्ला के पुलिस उप निरीक्षक रविंद्र के विशेष निवेदन पर उनके निवासस्थान पर पदार्पण के अवसर पर जैनाचार्य ने कहा कि मेडिकल, इंजीनियरिंग, कॉमर्स और सायंस के क्षेत्र में तो लाखों विद्यार्थी पुरुषार्थ कर अपना भाग्य आजमा रहे हैं, परन्तु संघ लोक सेवा आयोग (यूजीएससी) के महत्वपूर्ण क्षेत्र में सुयोग्य और सत्वशाली प्रतिभाओं का आना राष्ट्र, समाज एवं मानवता के हितों की रक्षा के लिए अत्यंत आवश्यक है। विद्यार्थियों और उनके अभिभावकों को यह समझने की आवश्यकता है कि संघ लोक सेवा आयोग के महत्वपूर्ण क्षेत्र में सफल होना अत्यंत कठिन या असंभव नहीं है। बुद्धिशाली और प्रतिभावान विद्यार्थी यदि पूर्ण आत्मविश्वास और गहरी लगन से अथक प्रयास करें तो उनकी अद्भुत आंतरिक क्षमता का लाभ समाज और मानवता को मिल सकता है। इससे भ्रष्टाचार कम होगा, देश को सुप्रशासन मिलेगा और जनसामान्य की सुख-शांति के द्वार खुलेंगे।
जैनाचार्य ने कहा कि देश और समाज का दुर्भाग्य है कि प्रतिवर्ष अपनी लाखों प्रतिभाएं मातृभूमि को छोडक़र सफलता के लिए विदेश जा रही हैं। इस पलायन को रोकना सरकारों की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी है। अगर यूं ही प्रतिभाओं का पलायन होता रहा तो हम पिछड़ जाएंगे। अपने देश में ऐसी व्यवस्थाएं सुदृढ़ करने की आवश्यकता है कि प्रतिभाओं का लाभ भारत को ही मिले। इसके लिए एक सामूहिक अराजनीतिक जागरण की जरूरत है। देश का युवावर्ग निष्ठापूर्वक यह क्रांति कर सकता है।
गणि पद्मविमलसागर ने भी विचार व्यक्त किया। पुलिस अधिकारियों ने सपरिवार आचार्य विमल सागर सूरीश्वर से आशीर्वाद ग्रहण किया। इस मौके पर अनेक पुलिसकर्मी व अधिकारी, हिरियूर, तुमकुर और बेंगलूरु के अनेक भक्तगण उपस्थित थे। मंगलवार को हिरियूर में वर्षीतप की तेरह महीने की सामूहिक साधना की घोषणा भी की गई। संतजन वहां से पदयात्रा करते हुए नंदिहल्ली पहुंचे। बुधवार को वे दाबसपेट के पास आदि संस्कार धाम और गुरुवार को नेलमंगला के पाश्र्व लब्धि धाम पहुंचेंगे।