मुम्मिगट्टी में 40 एकड़ भूमि अधिग्रहण पर किसानों का विरोध
लागत 927 से बढक़र 2,356 करोड़ रुपए तक पहुंची
हुब्बल्ली. धारवाड़-बेलगावी नई रेल लाइन परियोजना, जो क्षेत्रीय विकास और यातायात सुविधा के लिहाज से अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जा रही है, अब भूमि अधिग्रहण और लागत वृद्धि की दोहरी चुनौतियों से जूझ रही है। वर्ष 2019 में स्वीकृत इस परियोजना की प्रारंभिक लागत 927 करोड़ रुपए थी, जो अब बढक़र 2,356 करोड़ रुपए तक पहुंच गई है।
परियोजना को दिसंबर 2026 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया था, परन्तु भूमि अधिग्रहण में आ रही बाधाओं और प्रशासनिक विलंब के कारण अब इसे दिसंबर 2027 तक बढ़ा दिया गया है। दक्षिण पश्चिम रेलवे (दपरे) के अनुसार, जब तक राज्य सरकार से 90 प्रतिशत भूमि औपचारिक रूप से हस्तांतरित नहीं होती, तब तक निर्माण कार्य शुरू नहीं किया जा सकता।
मुम्मिगट्टी में भूमि विवाद बना सबसे बड़ी अड़चन
धारवाड़ तालुक के मुम्मिगट्टी क्षेत्र में लगभग 1.4 किलोमीटर के हिस्से में 40 एकड़ भूमि अधिग्रहण किसानों के विरोध के कारण अटक गया है। स्थानीय किसानों का कहना है कि वे पहले ही कई परियोजनाओं के लिए अपनी जमीन दे चुके हैं और अब शेष भूमि देने से उनका जीवन संकट में पड़ जाएगा। रेलवे की ओर से प्रस्तावित वैकल्पिक थर्ड अलाईनमेंट भी तकनीकी कारणों से रद्द कर दिया गया है।
अधिग्रहण प्रक्रिया अधूरी, मुआवजा लंबित
परियोजना के लिए कुल 888.70 एकड़ भूमि की आवश्यकता थी, जिसमें बेलगावी जिले में 599.24 एकड़ और धारवाड़ जिले में 288 एकड़ शामिल हैं। अब तक 1,272 एकड़ भूमि की अधिग्रहण प्रक्रिया पूरी हो चुकी है, परन्तु मुम्मिगट्टी क्षेत्र को छोडक़र। वहीं, बेलगावी जिले में 150 करोड़ रुपए का मुआवजा राज्य सरकार की ओर से जारी किया जाना बाकी है।
इपीसी मॉडल पर टेंडर जारी, कार्य प्रारंभ नहीं
परियोजना के पहले चरण में कैरकोप्पा-मुम्मिगट्टी खंड के लिए मई 2023 में 243.66 करोड़ रुपए की लागत से टेंडर जारी किया गया था। इसे इंजीनियरिंग, प्रोक्योरमेंट और कंस्ट्रक्शन (इपीसी) मॉडल पर पूरा करने की योजना थी, परन्तु भूमि विवाद के कारण कार्य अब तक प्रारंभ नहीं हो पाया है।
स्थानीय जनता और जनप्रतिनिधियों की मांग है कि सरकार, प्रशासन और किसानों के बीच समन्वय स्थापित कर भूमि विवाद को शीघ्र सुलझाया जाए, ताकि इस बहुप्रतीक्षित रेल परियोजना को गति मिल सके और क्षेत्रीय विकास का मार्ग प्रशस्त हो।
अब परियोजना लागत हुई 2,356 करोड़ रुपए
परियोजना की संशोधित लागत अब 2,356 करोड़ रुपए हो गई है। राज्य सरकार की ओर से भूमि हस्तांतरण की प्रक्रिया पूर्ण होते ही निर्माण कार्य आरंभ कर दिया जाएगा।
–डॉ. मंजुनाथ कनमडी, मुख्य जनसंपर्क अधिकारी, दक्षिण पश्चिम रेलवे
कोई प्रतिक्रिया नहीं दे रही सरकार
धारवाड़-बेलगावी नई रेल लाइन परियोजना के लिए बेलगावी जिले में आवश्यक 1200 एकड़ जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। राज्य सरकार को 150 करोड़ रुपए का मुआवजा जारी करना है। सरकार इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दे रही है। मुआवजे का काम पूरा होते ही जमीन हस्तांतरण होगी।
–जगदीश शेट्टर, सांसद, बेलगावी
