मंत्री बी.एल. वर्मा ने कहा
हुब्बल्ली. केंद्रीय सहकारिता राज्य मंत्री बी.एल. वर्मा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने कमजोर प्राथमिक किसान सहकारी समितियों (पीएसीएस) को मजबूत करने का काम किया है।
वे सहकार भारती-कर्नाटक की ओर से शहर के अमरगोल स्थित विद्याधिराज भवन में आयोजित दो दिवसीय अखिल भारतीय प्राथमिक कृषि सहकारी समितियों (पीएसीएस) के राष्ट्रीय सत्र के समापन समारोह में समापन भाषण कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि यूपीए सरकार के दौरान सहकारिता कमजोर थी। वे बंद होने की स्थिति में पहुंच गई थी। इन्हें सशक्त बनाने के लिए पीएम मोदी ने अलग मंत्रालय बनाया और अमित शाह को सहकारिता मंत्री बनाया। अमित शाह ने पारदर्शिता लाने के लिए सभी संघों को कम्प्यूटरीकृत किया। तब तक केवल कृषि ऋण केन्द्र उनमें विभिन्न प्रकार की सेवाएं प्रदान करने की अनुमति दी। इसके चलते संघ लाभ की राह पर आगे बढ़ी हैं।
वर्मा ने कहा कि नागरिक सेवा केंद्र (सीएससी) खोलने, राशन वितरण, डीजल-पेट्रोल की बिक्री, जनौषधि की बिक्री सहित लगभग 300 नागरिक सेवाएं प्रदान करने की संघों को अनुमति दी है। कई संघ आगे आए हैं और अनुमति के लिए ऑनलाइन आवेदन किया है। 2047 तक भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी आर्थिक शक्ति बनकर उभरेगा, जिसमें सहकारिता क्षेत्र का योगदान सबसे बड़ा होगा। मुख्य रूप से सहकारिता के क्षेत्र में पीएसीएस का योगदान अहम रहेगा।
राज्यों को पत्र
उन्होंने कहा कि राशन चावल सहित विभिन्न सामग्रियों के भंडारण के लिए संघ अपना गोदाम बना सकते हैं। अमित शाह ने सभी राज्य सरकारों को पत्र लिखकर संघों को गोदाम बनाने के लिए जमीन देने को कहा है।
सांसद अन्नासाहेब जोल्ले ने कहा कि केंद्र सरकार ने पीएसीएस को बहुउद्देश्यीय संघ का दर्जा दिया है और उन्हें केवल कृषि ऋण देने तक सीमित न रहकर विभिन्न प्रकार की सेवाएं प्रदान करके वित्तीय रूप से सशक्त बनना चाहिए।
उन्होंने कहा कि किसी को अनुदान के लिए सरकार की ओर रुख किए बिना अपने स्वयं के वित्तीय संसाधनों को जुटाना चाहिए। गैर-बैंकिंग सुविधाएं दी जा सकती हैं। बीमा सुविधा, शेयरों की खरीद-बिक्री, म्यूचुअल फंड, पैन कार्ड सहित विभिन्न सेवाएं प्रदान की जा सकती हैं।
दो दिवसीय सत्र में विभिन्न राज्यों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया और विभिन्न विषयों पर चर्चा की।
सम्मेलन में सहकार भारती के राष्ट्रीय संरक्षक रमेश वैद्य, राष्ट्रीय महासचिव उदय जोशी, इफ्को के विपणन निदेशक योगेन्द्र कुमार, अखिल भारतीय पीएसीएस के मुख्य संचालक राजदत्त पांडे, सहकार भारती-कर्नाटक के अध्यक्ष राजशेखर शिलवंत, महासचिव मोहन दास नायक, संचालक मल्लिकार्जुन होरकेरी, राष्ट्रीय अध्यक्ष दीनानाथ ठाकुर, महांतेश दोड्डगौडर, कृष्णा रेड्डी तथा अन्य उपस्थित थे।