12 हजार से अधिक पुस्तकों का संग्रह
ई-लाइब्रेरी से ग्रामीण छात्रों को मिल रही नई दिशा
यलबुर्गा (कोप्पल). मुधोल ग्राम पंचायत का सार्वजनिक पुस्तकालय आज ग्रामीण शिक्षा का केंद्र बनकर उभर रहा है। यह पुस्तकालय न केवल छात्रों बल्कि प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे युवाओं के लिए भी प्रेरणास्रोत बन गया है। सुबह 8 बजे से ही यहां अध्ययन के लिए विद्यार्थियों की भीड़ उमडऩे लगती है।
पुस्तकालय के पास स्थित पीयू कॉलेज और हाईस्कूल के छात्र नियमित रूप से यहां आते हैं। साहित्य प्रेमी, कवि और प्रतियोगी परीक्षार्थी भी इस अध्ययन केंद्र का लाभ उठा रहे हैं।
ई-लाइब्रेरी को मिल रही जबरदस्त प्रतिक्रिया
पुस्तकालय में एक वर्ष पूर्व शुरू की गई ई-लाइब्रेरी को छात्रों से उत्साहजनक प्रतिक्रिया मिली है। यहां 8 कंप्यूटर और टैबलेट की व्यवस्था है, जिससे छात्र इंटरनेट ब्राउज कर सकते हैं। एसडीई, एफडीए, पीडीओ, केएएस, न्यायिक सेवा जैसी परीक्षाओं से संबंधित पुस्तकें भी उपलब्ध हैं। एक बड़ा एलईडी टीवी भी लगाया गया है, जिस पर प्रेरणादायक वीडियो दिखाए जाते हैं।
आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित अध्ययन केंद्र
पुस्तकालय में शुद्ध पेयजल, शौचालय और पंखों की व्यवस्था है। दीवारों पर महापुरुषों के प्रेरक विचार अंकित हैं। जहां अधिकांश ग्रामीण पुस्तकालय अपने उद्देश्य से भटक गए हैं, वहीं मुधोल पुस्तकालय ने पढऩे की संस्कृति को पुनर्जीवित किया है।
ग्रंथपाल जगन्नाथ अक्कसाली को मिली सराहना
पुस्तकालय के वरिष्ठ ग्रंथपाल (लाइब्रेरियन) जगन्नाथ अक्कसाली पिछले 32 वर्षों से सेवा दे रहे हैं। वे प्रतिदिन पुस्तकालय को स्वच्छ रखते हैं और सभी सुविधाएं सुनिश्चित करते हैं। डीसी, सीईओ सहित कई अधिकारी उनके कार्य से प्रभावित हुए हैं।
पाठकों की प्रतिक्रिया
पाठक आनंद निडगुंदी और राचप्पा अंगडी ने कहा कि यह पुस्तकालय कॉलेज छात्रों के साथ-साथ प्रतियोगी परीक्षार्थियों के लिए अत्यंत उपयोगी है। कई युवाओं ने यहां अध्ययन कर सफलता प्राप्त की है।
सैकड़ों विद्यार्थी अध्ययन करने आते हैं
हमने ऐसा वातावरण बनाया है जहां छात्रों को आवश्यक सभी पुस्तकें और संसाधन मिलें। रोज सैकड़ों विद्यार्थी अध्ययन करने आते हैं।
–जगन्नाथ अक्कसाली, लाइब्रेरियन
