हुब्बल्ली. राज्यपाल थावरचंद गहलोत ने बुधवार को तालुक के वरुर नवग्रह तीर्थ क्षेत्र में 405 फुट ऊंची सुमेरु पर्वत जिन मूर्तियों के पंचकल्याण प्रतिष्ठा महोत्सव और नव तीर्थंकरों के महामस्तकाभिषेक कार्यक्रम का उद्घाटन किया।
कार्यक्रम के चलते सुबह ध्वजारोहण, प्राचीन जिन प्रतिमा की शोभायात्रा, महामण्डल पूजन, महायज्ञ मण्डल विधान सहित विभिन्न धार्मिक कार्यक्रम आयोजित हुए।
राज्यपाल थावरचंद गहलोत ने कहा कि मैं जैन नहीं हूंव परन्तु मैं सनातन और जैन धर्म से प्रेरित हूं। मेरे दो पोते-पोतियों का विवाह जैन समुदाय में हुआ है। मुझे कोई लत नहीं है। राज्यपाल बनने के बाद मैंने राजभवन में मांसाहारी भोजन खाना बंद करवाया है। विदेश से आने वाले मेहमानों को भी शाकाहारी भोजन ही परोसा जाता है।
उन्होंने कहा कि हम प्रकृति की पूजा करते हैं। आजकल पर्यावरण में असंतुलन है। इसे ठीक करने के लिए हमें जैन धर्म के सिद्धांतों और आदर्शों का पालन करना चाहिए। पर्यावरण की रक्षा करना सभी का कर्तव्य है।
गहलोत ने कहा कि आचार्य गुणधर नंदी ने 17 वर्ष की आयु में दिगम्बर मुनि के रूप में दीक्षा प्राप्त की थी। वे 21 वर्ष की आयु में आचार्य बन गए। उन्होंने वरुर में 40 एकड़ के विशाल क्षेत्र में नवग्रह तीर्थ क्षेत्र की स्थापना की है। एजीएम शैक्षणिक संस्थान के माध्यम से वे मानवीय कार्य कर रहे हैं, सद्गुणों का बीजारोपण कर रहे हैं और संस्कृति प्रदान कर रहे हैं।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बीवाई विजयेंद्र ने कहा कि सुमेरु पर्वत का निर्माण गुणाधर नंदी की इच्छा के अनुसार किया गया है। पूर्व मुख्यमंत्री बीएस. येडियूरप्पा के कार्यकाल में उन्होंने क्षेत्र के विकास में मदद की थी। भगवान के आशीर्वाद से मुझे विधायक के तौर पर काम करने का अवसर मिला है।
धर्मस्थल के धर्माधिकारी डॉ. वीरेंद्र हेग्गड़े, विधायक प्रसाद अब्बय्या, एमआर पाटिल, अभिनेता रमेश अरविंद और कुंथु सागर महाराज सहित विभिन्न आचार्य और संत उपस्थित थे।
