महाकुंभ के लिए अतिरिक्त कोच से बढ़ा रेलवे का राजस्वमहाकुंभ के लिए अतिरिक्त कोच से बढ़ा रेलवे का राजस्व

हुब्बल्ली. महाकुंभ की मांग को पूरा करने के लिए नौ रेक और 1,799 अतिरिक्त कोच जोड़े, जिससे 5.29 करोड़ रुपए का राजस्व प्राप्त हुआ। दिसंबर 2024 तक, 451 विशेष ट्रेनें संचालित की गईं, जिनसे 179.95 करोड़ रुपए की कमाई हुई, जबकि 14 आस्था स्पेशल ट्रेनों से 2.27 करोड़ रुपए की कमाई हुई। यहां रेलवे इंस्टीट्यूट मैदान में गणतंत्र दिवस समारोह में महाप्रबंधक अरविंद श्रीवास्तव ने कहा कि 2024-25 के पहले नौ महीनों में 2,354.21 करोड़ रुपए यात्री राजस्व और 3,264.76 करोड़ रुपए माल ढुलाई राजस्व सहित 6,001 करोड़ रुपए का सकल राजस्व हासिल किया। दक्षिण पश्चिम रेलवे के 1,568 रूट किलोमीटर में 485 करोड़ रुपए की लागत से कवच नामक स्वचालित ट्रेन सुरक्षा प्रणाली लगाई जा रही है, जिसमें 2,148 आर.के.एम. अतिरिक्त स्वीकृत किए गए हैं। इस वित्तीय वर्ष में अब तक 13.87 किलोमीटर दोहरीकरण और 7.3 किलोमीटर नई लाइनें चालू की गई हैं।

6.7 मेगावाट की सौर ऊर्जा

30 आर.के.एम. विद्युतीकृत और दो नए ट्रैक्शन सबस्टेशनों को जोडऩे पर कुल विद्युतीकृत नेटवर्क 3,256 आर.के.एम. हो गया है, जो एस.डब्ल्यू.आर. के नेटवर्क का 88 फीसदी है। 128 जोड़ी ट्रेनों के लिए विद्युत ट्रैक्शन में परिवर्तन से 170 करोड़ रुपए और 32 लाख लीटर डीजल की बचत हुई है। 6.7 मेगावाट की सौर ऊर्जा पहल ने भी 2.81 करोड़ रुपए की बचत करने में योगदान दिया है। 90 ट्रेनों में हेड-ऑन जेनरेशन के कार्यान्वयन से 124.62 लाख लीटर डीजल की और बचत हुई है, जिससे लागत में 91.54 करोड़ रुपए की कमी आई है। उन्होंने कहा कि 1,043.63 करोड़ रुपए की लागत से बेंगलूरु क्षेत्र में स्वचालित सिग्नलिंग और यार्ड रीमॉडलिंग परियोजनाओं का उद्देश्य सुरक्षा और परिचालन दक्षता को बढ़ाना है।

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