सडक़ बनने से ग्रामीणों में छाई खुशी
विजयनगर के लोगों के लिए वरदान बनी मनरेगा
बोलगावी. खानापुर तालुक के जाम्बोटी ग्राम पंचायत क्षेत्र के एक छोटे से गांव विजयनगर (गौलीवाड़ा) के लोगों के लिए महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) वरदान साबित हुई है। आजादी के 77 साल बाद इन ग्रामीणों को अपने गांव तक संपर्क सडक़ मिल पाई है।
खानपुर शहर से 18 किमी और जाम्बोटी से 6 किमी की दूरी पर विजयनगर गांव स्थित है। जाम्बोटी-जत्त राज्य राजमार्ग से 3 किमी. की दूरी पर, निचले इलाके में यह गांव स्थित है। इसकी आबादी लगभग 1,000 है। वहां गवली (ग्वाले) समुदाय के 200 परिवार रहते हैं।
डेयरी फार्मिंग (दुग्ध उत्पादन) और कृषि ही ग्रामीणों का मुख्य व्यवसाय है। इस गांव में पहले अच्छी संचार व्यवस्था नहीं थी। अधिकांश सडक़ें ढलान वाले क्षेत्र में होने से बरसात के मौसम में यातायात कठिन हो जाता था। बरसात के मौसम में, मूसलाधार बारिश के कारण कच्ची सडक़ कीचड़ से भर जाती थी। लोगों को सर्कस करते हुए ही जाना पड़ा था। कई सवार गिरकर घायल हो गए थे।
हर साल बरसात का मौसम खत्म होने के बाद ग्राम पंचायत और गांव के बुजुर्ग मिलकर थोड़ी सी राशि से सडक़ की मरम्मत कर उसका इस्तेमाल करते थे।
बहुत खुशी हुई है
ग्रामीणों का कहना है कि हमारे गांव तक कोई उचित सडक़ नहीं होने के कारण हमें काफी परेशानी का सामना करना पड़ता था। अब सडक़ बनने से हमें बहुत खुशी हुई है।
विशेष मामला माना
इसे एक विशेष मामला माना और जत्त-जाम्बोटी राजमार्ग से विजयनगर गांव तक सडक़ निर्माण कार्य को मंजूरी दी थी। अब जब अच्छी पक्की सडक़ बन गई है तो लोग खुश हैं।
–राहुल शिंदे, मुख्य कार्यकारी अधिकारी, जिला पंचायत, बेलगावी
50 लाख रुपए के अनुदान में बनी पक्की सडक़
हमने अपने वरिष्ठ अधिकारियों का ध्यान विजयनगर गांव के लिए सडक़ की आवश्यकता की ओर आकर्षित किया था, जो जंगलों से घिरे ढलान वाले क्षेत्र में स्थित है। इसलिए मनरेगा के तहत सडक़ निर्माण के लिए 50 लाख रुपए का अनुदान दिया गया था। इस अनुदान से एक अच्छी पक्की सडक़ का निर्माण किया गया है।
–प्रकाश कुडची, पीडीओ, जाम्बोटी