सरकार के आदेश का नहीं हो रहा पालन
हुब्बल्ली. इंडिपंप-उणकल सिद्दप्पज्जा मठ तक कंक्रीट सडक़ के लिए जटिल बनी भूमि अधिग्रहण की अनुमति देने के बाद भी सरकार के आदेश का पालन नहीं हो रहा है। इसके चलते करोड़ों रुपए खर्च कर बनाई जा रही सडक़ सिर्फ बाइक और ऑटो रिक्शा के आवागमन तक ही सीमित रह गई है। शहर की कुछ असफल परियोजनाओं में से यह सडक़ भी एक है।
शहर के केंद्र भाग चन्नम्मा सर्कल में यातायात दबाव को कम करना और मुख्य सडक़ों के लिए कुछ वैकल्पिक सडक़ों को विकास विकसित करना मूल उद्देश्य है। इसके लिए 2017 में इंडिपंप-उणकल तक सेंट्रल रोड फंड (सीआरएफ) योजना की ओर से कार्य शुरू किया गया था।
जनता को कोई फायदा नहीं हुआ
यह सडक़ कारवार, बेंगलूरु मार्ग की ओर से आने वाले वाहनों के लिए गोकुल रोड, अमरगोल एपीएमसी, धारवाड़ की ओर जाने के लिए बहुत सुविधाजनक है। योजना का मूल उद्देश्य इस सडक़ के निर्माण से चन्नम्मा सर्कल या गिरणिचाळ से वाणी विलास सर्कल तक जाने से रोकना है परन्तु योजना शुरू करने से पहले पेश आने वाली प्रमुख बाधाओं में से भूमि अधिग्रहण और अवैध अतिक्रमणों को हटाने के बारे में गंभीरता से नहीं लिया गया था। इसके चलते करोड़ों रुपए खर्च करने के बावजूद सडक़ का सही उपयोग नहीं हो पा रहा है।
भूमि अधिग्रहण व अवैध अतिक्रमण के कारण सडक़ आधी-अधूरी बन गई है। इस अव्यवस्था और विफलता को देखकर ऐसा लगता है जैसे ठेकेदारों को कुछ काम तो दे दिया गया है परन्तु जनता को कोई फायदा नहीं हुआ है।
धन की कमी
यह सडक़ इंडिपंप-गोकुल रोड-तत्वदर्श अस्पताल-शिरूर पार्क उणकल बीआरटीएस रोड को जुड़ेगी।
करीब 4.90 किमी लंबी सडक़ के निर्माण के लिए 40 करोड़ रुपए रुपए अनुदान निर्धारित किया गया था। पहले ही पूरा अनुदान खर्च हो चुका है। उत्तर-पश्चिम कर्नाटक सडक़ परिवहन निगम ने सडक़ के लिए कुछ जमीन दे दी है परन्तु तत्वदर्श अस्पताल के पास कुछ निजी जमीन है, जिस पर करीब 7 करोड़ 42 लाख 66 हजार 661 रुपए मुआवजे की आवश्यकता थी। इतना अधिक मुआवजा देने के लिए महानगर निगम के लिए धन (फंड) की कमी के कारण कार्य शुरू नहीं किया है।
जानबूझ कर देरी
लोगों का कहना है कि भूमि अधिग्रहण में देरी के कारण लंबित पड़ी दो सडक़ों में से उणकल्ल-पुराना एनएच-4 सडक़ भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया पूरी कर सडक़ निर्माण कार्य शुरू किया गया है परन्तु इस सडक़ को लेकर चिंता पर नजर डालें तो ये बातें उठ रही हैं कि इसमें जानबूझ कर देरी की जा रही है। यह सडक़ बन जायेगी तो इस सडक़ से वाहन चलेंगे। इससे सैकड़ों करोड़ रुपए लागत के फ्लाईओवर योजना को बल नहीं मिलने के कारण देरी बरतने का संदेह है।
छह साल से पूरा नहीं हुआ योजना का मूल उद्देश्य
हेग्गेरी के पास जहां सडक़ शुरू होती है वहां अभी भी कुछ अवैध अतिक्रमण है। कुछ स्थानों पर भूमि अधिग्रहण की आवश्यकता है परन्तु यहां रहने वाले ज्यादातर परिवार बेहद गरीबी में हैं और अगर उन्हें यहां से हटा दिया गया तो वे सडक़ों पर आ जाएंगे। इसलिए जन प्रतिनिधियों व अधिकारियों का मानना है कि उन्हें अन्यत्र आश्रय योजना में मकान उपलब्ध कराने के बाद ही हटाना उचित है। एक ओर नगर निगम के पास फंड की कमी और दूसरी ओर मानवता के कारण छह साल बाद भी योजना का मूल उद्देश्य पूरा नहीं हो सका है।
अनुमति का कोई सम्मान नही
जहां भूमि अधिग्रहण और अवैध अतक्रमण नहीं हटाया है वहां सडक़ नहीं बनी है। इसके चलते भूमि अधिग्रहण और इसके लिए लगने वाले संबंधित खर्चों को लेकर सरकार को प्रस्ताव सौंपा गया था। अक्टूबर 2021 में सरकार ने अनुमति भी दे दी थी परन्तु सरकार ने जमीन अधिग्रहण की लागत निगम के सामान्य फंड से लेने और जिलाधिकारी से जमीन अधिग्रहण करने की अनुमति दी थी। सरकार के आदेश के दो साल बाद भी योजना पूरी होने में बाधा बनी भूमि अधिग्रहण और अवैध अतिक्रमण को हटाने के लिए नगर निगम और जिला प्रशासन कार्रवाई नहीं कर रहे हैं।
नाम मात्र के लिए दूसरी राजधानी
पर्याप्त योजना के अभाव में सडक़ छह-सात साल बाद भी पूरी नहीं हो सकी है। इसका मुख्य कारण स्थानीय जन प्रतिनिधियों एवं अधिकारियों की पूर्ण विफलता है। करोड़ों रुपए खर्च करने के बावजूद सडक़ों का सुधार नहीं हो सका है। कम से कम शहर में प्रवेश करने वाली सडक़ें भी क्या सुंदर हैं। हुब्बल्ली सिर्फ नाम मात्र के लिए दूसरी राजधानी है।
-लक्ष्मण गंडगालेकर, पूर्व पार्षद, हुब्बल्ली-धारवाड़।
एक साल में पूरा करने का लक्ष्य रखा
क्षेत्र में लंबित पड़ी सडक़ों का काम पूरा करने को पहली प्राथमिकता दी गई है। पहले से एक सडक़ के लिए जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया पूरी की गई है। इंडिपंप से उणकल तक की सडक़ को पूरा करने के लिए पहले ही अधिकारियों को निर्देश दिया है। ऐसी सडक़ों को एक साल में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।
–महेश टेंगिनकाई, विधायक, हुब्बल्ली-धारवाड़ सेंट्रल विधानसभा क्षेत्र