पर्यावरण पाठ के लिए बनेगा अध्ययन वनपर्यावरण पाठ के लिए बनेगा अध्ययन वन

उपवन रहे स्थान पर विभिन्न प्रजाति के पौधे लगाने की तैयारी
सिरसी. वन विभाग ने दशकों से एकल-प्रजाति का उपवन रहे क्षेत्र को छात्र और सार्वजनिक-अनुकूल अध्ययन वन में बदलने का निर्णय लिया है।
शहर के बाहरी इलाके के हुत्गार ग्राम पंचायत के पास सडक़ के किनारे वन विभाग के अनुमानित 12 एकड़ क्षेत्र में बबूल के उपवन को एक साल पहले काट दिया गया था। इस स्थान पर विभिन्न प्रजाति के पौधे लगाने की तैयारी की गई है।
वन विभाग ने इस भूमि में कटहल, सीसम, मत्ती, सागौन, नंदी, जामून, आवला, नागसम्पिगे, शिवानी, वाटे, भरणगी सहित बांस की विशेष किस्मों, विनाश की कगार पर स्थित औषधीय किस्मों के लिए जगह उपलब्ध करने का निर्णय लिया है।
वन विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि कलवे में वन विभाग का कान्मने है। वहां पर्यावरण संबंधित गतिविधियां होती हैं। इसके अलावा जलमार्गों के निर्माण की मांग भी वर्षों से की जा रही है। सिरसी हुलेकल रोड के कलवे क्रास तक छात्रों और आम जनता को पर्यावरण संबंधी पाठ पढ़ाने वाले मॉडल बनाना इस जलमार्ग का उद्देश्य है। इसके पूरक तौर पर अब उपवन काटे गई जगह पर पारिस्थितिक अध्ययन के पूरक विभिन्न प्रकार के पौधों के रोपण की तैयारी शुरू कर दी गई है।

जागरूकता विकसित कर सकते हैं
उन्होंने बताया कि तालुक के विभिन्न हिस्सों में उद्यान हैं, तकनीकी कारणों से विभाग को नए उद्यान बनाने की अनुमति नहीं है। इसके चलते विभाग का विचार यहां अध्ययन वन बनाकर उसे पार्क का स्वरूप देने का है। भविष्य में पर्यावरणविद यहां आकर पौधों, पेड़ों और वनस्पतियों के बारे में जागरूकता विकसित कर सकते हैं।

उद्यान बनाने का दबाव
स्थानीय निवासी एमआर हेगड़े का कहना है कि हुत्गार के आसपास कोई उद्यान नहीं है। सैर करने जाने वाले हुत्गार, हालल्ला, मणजवल्ली, मरिकाम्बा कॉलोनी, नवनगर के निवासियों को समस्या का सामना करना पड़ेगा। इसी वजह से सडक़ के बगल में वन विभाग क्षेत्र में उद्यान बनाने का दबाव था।

पर्यावरण शिक्षा में काफी सुविधा होगी
जल पथ परियोजना के प्रारंभिक चरण के तौर पर हुत्गारा के पास एक अध्ययन वन के निर्माण से पर्यावरण शिक्षा में काफी सुविधा होगी।
-शिवानंद काल्व, पर्यावरण लेखक

व्यवस्थाएं उपलब्ध की जाएंगी
बरसात के मौसम के बाद अध्ययन वन के चारों ओर एक बाड़ बनाई जाएगी और अंदर अच्छे और विविध प्रजातियों के पौधे लगाए जाएंगे। बाद में पैदल पथ सहित अन्य व्यवस्थाएं उपलब्ध की जाएंगी।
जीआर अज्जय्या, डीएफओ, सिरसी

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