यात्रियों को हुई भारी परेशानी
हुब्बल्ली. वेतन संशोधन और अन्य मांगों को लेकर परिवहन कर्मचारियों की ओर से शुरू की गई हड़ताल को हुब्बल्ली में व्यापक समर्थन मिल रहा है। इससे आम यात्रियों को भारी असुविधा का सामना करना पड़ रहा है।
हुब्बल्ली ग्रामीण और शहरी डिपो से केवल गिनी-चुनी बसें ही संचालित हो रही हैं, जबकि अधिकांश बसें डिपो में ही खड़ी हैं।
बस स्टैंडों में परेशान यात्री
ग्रामीण क्षेत्रों और अन्य जगहों की ओर जाने वाले यात्री होसूर और गोकुल बस स्टैंडों पर खड़े होकर बसों का इंतजार करते दिखे। शहर के विभिन्न इलाकों में जाने वाले लोग अब ऑटो रिक्शा की ओर रुख कर रहे हैं, जिससे किराए में बढ़ोतरी देखी जा रही है।
केवल बाहरी राज्यों की कुछ बसें ही चालू
सिर्फ सोमवार रात बेंगलूरु, कलबुर्गी, मेंगलूरु और दावणगेरे से रवाना हुई बाहरी राज्यों की कुछ बसें ही चल रही हैं। रेलवे स्टेशन के पास बीआरटीएस बस स्टैंड पर भी यात्रियों को कोई बस नहीं मिली, जिससे वे इधर-उधर भटकते दिखे।
चिगरी बस सेवा पूरी तरह बंद
विभिन्न मांगों को लेकर राज्य सडक़ परिवहन कर्मचारियों की हड़ताल जारी है, जिससे हुब्बल्ली-धारवाड़ शहरों को जोडऩे वाली बीआरटीएस चिगरी बस सेवा पूरी तरह ठप हो गई है।
शहर और सडक़ परिवहन निगम की कुछ बसें ही सडक़ों पर नजर आ रही हैं।
छात्र, कार्यालय जाने वाले कर्मचारी और अन्य यात्री बसों के इंतजार में स्टॉप्स पर खड़े हैं, परन्तु बस सेवा ठप रहने से उन्हें भारी परेशानी हो रही है।
निजी बसों पर टूट पड़े यात्री
राज्य परिवहन कर्मचारियों की हड़ताल के चलते मंगलवार को जिले में किसी भी राज्य परिवहन निगम की बसें सडक़ों पर नहीं उतरीं। हुब्बल्ली-धारवाड़ जुड़वा शहरों में बेंद्रे निजी बसों में यात्रियों की भारी भीड़ देखी गई।
लंबी दूरी की बसें, नगर बसें और बीआरटीएस बसें सभी बंद रहीं। जो ड्राइवर और कंडक्टर ड्यूटी पर पहुंचे थे, उन्होंने बसों को डिपो से होसूर और गोकुल बस स्टैंड तक लाया, परन्तु वहां से कोई भी बस आगे नहीं चली। हड़ताल की जानकारी न होने के कारण बस अड्डों पर पहुंचे यात्री परेशान हो गए।
बस अड्डों का हाल
परिवहन कर्मचारी समूह में बैठकर समय व्यतीत करते नजर आए। होसूर, गोकुल और सिटी बस स्टैंड सहित प्रमुख स्टॉप्स पर पुलिस बल तैनात किया गया था।
मरीजों को हुई परेशानी
किम्स अस्पताल और अन्य निजी अस्पतालों में इलाज के लिए आने वाले मरीजों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा।
गांवों से रात को आने वाली बस्ती बसों से लोग सुबह शहर पहुंचे, परन्तु वहां से अस्पताल या अन्य जरूरी काम के लिए उन्हें दोगुना किराया देकर ऑटो रिक्शा लेना पड़ा।
होसूर बस स्टैंड से किम्स अस्पताल तक ऑटो रिक्शा किराया 25 रुपए फिक्स कर दिया गया है। छात्र, कार्यालय कर्मचारी, और मजदूर सभी बस सेवा बंद होने से परेशान रहे।
परिवहन निगम की प्रबंध निदेशक ने किया बस में सफर
हड़ताल की स्थिति की जांच के लिए सुबह उत्तर पश्चिम कर्नाटक सडक़ परिवहन निगम की प्रबंध निदेशक प्रियांग ने होसूर और गोकुल बस स्टैंड का दौरा कर जायजा लिया। उन्होंने कर्मचारियों को निर्देश दिया कि भीड़ के अनुसार आवश्यक मार्गों पर बसें चलानी चाहिए। इसके बाद उन्होंने नगर बस से हुब्बल्ली से धारवाड़ तक यात्रा करके यात्रियों की संख्या का निरीक्षण किया। इसके बावजूद सडक़ों पर नगर बसें नहीं दिखीं।
यात्रियों की संख्या के आधार पर बसों का संचालन
हम यात्री मांग के अनुसार बसें चला रहे हैं। ग्रामीण क्षेत्रों जैसे कि कलघटगी, अण्णिगेरी, नवलगुंद और कुंदगोल की ओर यात्रियों की संख्या के आधार पर बसों का संचालन किया जा रहा है।
–एच. रामनगौडर, संभागीय नियंत्रण अधिकारी, हुब्बल्ली