डेढ़ माह में 160 से ज्यादा भेड़ें चोरी
बेलगावी. सीमावर्ती बेलगावी जिले में हाल के दिनों में भेड़ चोरी की घटनाएं बढ़ गई हैं, जिससे घुमंतू चरवाहे सदमे में हैं। जो लोग शहर-शहर घूमकर भेड़ पालन कर अपनी आजीविका चलाते हैं, उनके लिए यह गिरोह भूत की तरह पीछे पड़ा है।
आधी रात को घुसने वाला यह गिरोह भेड़ों को पलक झपकते ही चुरा लेता है।
160 से अधिक भेड़ों की चोरी
सीमावर्ती जिले बेलगावी में पिछले डेढ़ महीने में दस नहीं, बीस नहीं, बल्कि 150 से 160 से अधिक भेड़ें चोरी हो चुकी हैं, जिससे सभी चरवाहे सदमे में हैं। एक ही क्षेत्र में लगातार भेड़ें चोरी हो रही हैं और वे यह नहीं समझ पा रहे हैं कि अपनी भेड़ों की सुरक्षा कैसे करें।
बेलगावी तालुक के बेलगुंदी, कडोली, काकती और कुद्रेमनी सहित महाराष्ट्र की सीमा से लगे गांवों से भेड़ें चोरी हुई हैं। इस संबंध में बेलगावी ग्रामीण और काकती पुलिस थानों में अलग-अलग शिकायतें दर्ज कराई गई हैं, परन्तु कोई फायदा नहीं हुआ। इससे परेशान चरवाहों ने बेलगावी शहर पुलिस आयुक्त कार्यालय के सामने धरना दिया। उन्होंने पुलिस आयुक्त यडा मार्टिन से भेड़ चोरों को पकडऩे की अपील की है।
15 लाख रुपए से अधिक कीमत की भेड़ें चोरी
चरवाहों ने पुलिस आयुक्त को बताया कि इस गिरोह में महाराष्ट्र के आठ से दस लोग हैं। मध्य रात्रि में, जब चरवाहे सो जाते, तो वे खलिहान में घुस कर अपने वाहनों को दूर पार्क कर पैदल आ कर एक-एक झुंड से आठ या दस भेड़ें चुराकर भाग जाते हैं। इस प्रकार दस भेड़ों के झुंड में चोरी हुई है और अब तक पंद्रह लाख रुपए से अधिक की भेड़ें चोरी हो चुकी हैं।
पुलिस आयोग, जैसा कि मार्टिन ने कहा
चरवाहों ने कहा कि पता चला है कि यह गिरोह सीमावर्ती क्षेत्र में सक्रिय है और एक बार बेलगावी क्षेत्र से भेड़ें चुराकर महाराष्ट्र में बेचता है। इसी प्रकार वे महाराष्ट्र से भेड़ें चुराकर बेलगावी के बाजार में बेच देते हैं। चरवाहों की मांग है कि महाराष्ट्र पुलिस ने पहले ही कुछ आरोपियों को गिरफ्तार की है। उन आरोपियों को राज्य में लाकर पूछताछ करने पर भेड़ चोरी का मामला उजागर होगा।
इस पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए पुलिस आयुक्त यडा मार्टिन ने कहा कि दो पुलिस थानों में भेड़ चोरी का मामला दर्ज किया गया है। आरोपियों के बारे में कुछ सुराग मिले हैं और उन्हें जल्द से जल्द गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
शहर के पुलिस आयुक्त ने भेड़ चोरी के मामले को गंभीरता से लिया है और अपराधियों की धर पकड़ के लिए जाल बिछाया है। इस बीच, चोर दिन हो या रात, बारिश हो या हवा, गांवों और खेतों के आसपास भेड़ चराने वाले चरवाहों को परेशान करने के लिए अथक प्रयास कर रहे हैं।