राशन के चावल में बदलाव लाने को आगे आई केंद्र सरकारकेंद्रीय मंत्री प्रल्हाद जोशी।

मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने समृद्ध चावल वितरित का किया फैसला
18000 करोड़ रुपए लागत मूल्य पर 5 वर्षों तक समृद्ध चावल वितरण की कार्रवाई
गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत हर महीने प्रति व्यक्ति 5 किलो चावल
हुब्बल्ली. केंद्रीय खाद्य मंत्री प्रल्हाद जोशी ने कहा कि केंद्र सरकार की ओर से वितरित राशन चावल में एक फीसदी पोषण जोड़ा जाता है। केंद्र सरकार ने चावल में पोषक तत्व मिलाकर समृद्ध (फोर्टिफाइड) चावल तैयार करने और वितरित करने के लिए कदम उठाए हैं।
प्रल्हाद जोशी ने कहा कि गरीब कल्याण और अंत्योदय अन्न योजना के तहत वितरित चावल को अब से एक फीसदी पोषण के साथ पूरक किया जाएगा। केंद्र सरकार ने एनीमिया को खत्म करने के लिए 5 साल के लिए फोर्टिफाइड चावल के वितरण को मंजूरी दे दी है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत प्रति व्यक्ति प्रति माह 5 किलो चावल और अंत्योदय अन्न योजना के तहत प्रति परिवार 35 किलो खाद्यान्न एक फीसदी अतिरिक्त पोषक तत्वों के साथ फोर्टिफाइड चावल के तौर पर वितरित किया जाएगा।
मंत्री प्रल्हाद जोशी ने कहा कि यह पूरे देश में इस पौष्टिक चावल के वितरण के लिए 18,000 करोड़ रुपए की योजना है, जो गरीबों को एनीमिया से बचाने में मदद करेगी।
राज्य सरकार की आलोचना करते हुए जोशी ने कहा कि राज्य सरकार ने केवल अन्न भाग्य की घोषणा की है। कोई भाग्य नहीं है! वे केंद्र सरकार की ओर से आपूर्ति किए जाने वाले 5 किलो चावल मात्र दे रहे हैं। वे इसे ही अपना बता रहे हैं।
प्रल्हाद जोशी ने कहा कि चुनाव जीतते हैं तो ईवीएम में कोई दिक्कत नहीं होती, हार जाते हैं तो इसे ईवीएम में गड़बड़ी कहते हैं। कांग्रेस की यह कैसी मानसिकता है? दो रुख दिखाने वाले कांग्रेसियों की मानसिकता ठीक नहीं है। हरियाणा में चुनाव हार के बाद कांग्रेस नेताओं ने चुनाव आयोग पर कुछ संदेह जताया है।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस हार की हताशा में अकारण ईवीएम की खराबी चुनाव आयोग और केंद्र सरकार पर आरोप लगा रही है। हरियाणा और जम्मू कश्मीर चुनाव में लोकतंत्र की बड़ी जीत हुई है।
जोशी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में जम्मू-कश्मीर में महत्वपूर्ण परिवर्तन लाया है। अनुच्छेद 370 की समाप्ति, दलित आरक्षण, पंचायत और निगमों की सुविधाओं के सरलीकरण के कारण भाजपा ने वहां 29 सीटें जीती हैं।
उन्होंने कहा कि मुडा और वाल्मिकी घोटालों के चलते अब मुख्यमंत्री सिद्धरामय्या को इस्तीफा देने की नौबत आ गई है। इसके चलते वे भाजपा काल के मामलों की जांच कराने की बात कहकर भ्रष्टाचार के खिलाफ उठ रही आवाज छिपाने की कोशिश कर रहे हैं परन्तु भाजपा इन सब से नहीं झुकेगी। उन्हें जांच कराने दी जिए।

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