गुरुसिद्ध राजयोगींद्र स्वामी।

गुरुसिद्ध राजयोगींद्र स्वामी ने कहा
हुब्बल्ली. मूरुसाविरमठ और हानगल कुमारेश्वर मठ के मठाधीश गुरुसिद्ध राजयोगीन्द्र स्वामी ने कहा कि स्वास्थ्य, शिक्षा और मठ के विकास के लिए मठ की संपत्ति को बैंक में गिरवी रखकर ऋण लिया है। अन्य मठों और मठाधीशों ने संपत्ति पर क्या ऋण नहीं लिया है।
स्वामी ने हावेरी जिले के हानगल कुमारेश्वर विरक्त मठ की संपत्ति को सहकारिता बैंक में गिरवी रखकर बैंक से क्यों उधार लिया? यह सोशल मीडिया पर मामला चर्चा में आने के बाद गुरुसिद्ध राजयोगींद्र स्वामी पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे।
मठ की संपत्ति को भक्तों की जानकारी के बिना निजी बैंक में रखकर दुरुपयोग करने के कुछ भक्तों के आरोप पर उन्होंने कहा कि कुछ लोग मठ को नुकसान पहुंचाने और भ्रम पैदा करने के लिए सोशल मीडिया पर झूठे आरोप लगा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि मठाधीश को, मठ के प्रबंधन की जिम्मेदार निभाने वालों को मठ की संपत्ति पर उधार लेने का क्या कोई अधिकारी नहीं है? कानून में क्या इसका विरोध है? संपत्ति पर कर्ज लेना और उसे चुकाना कोई बड़ी बात नहीं है और न ही कोई बड़ा अपराध है।
श्रद्धालुओं की आपत्ति
हानगल के एक श्रद्धालु का कहना है कि मठ की संपत्ति पर कर्ज लेना ठीक नहीं है। यह पैसा मठ के विकास या धार्मिक कार्यक्रमों पर खर्च नहीं हुआ है। श्रद्धालु धार्मिक कार्यक्रमों के लिए दान करते हैं। ऋण के बारे में मठाधीश की ओर से जानकारी देने के बाद इस बारे में हम निर्णय लेंगे।
स्व. कुमार शिवयोगी स्मृति दिवस समिति के महासचिव कल्याण कुमार शेट्टर ने कहा कि हमें इस बात की जानकारी नहीं है कि हानगल मठ की संपत्ति पर ऋण क्यों लिया गया। इस बारे में मठाधीश से बात की है और उन्होंने चार-छह दिनों में इसके बारे में पूरी जानकारी देने का वादा किया है।

Spread the love

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *