सैनिकों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगाहुब्बल्ली के देशपांडेनगर स्थित गुजरात भवन में मजीठिया फाउंडेशन की ओर से आयोजित वीर नमन कार्यक्रम में सेवारत सैनिकों के परिवारों को सम्मानित किया गया।

वीर नमन कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री जोशी ने दिया आश्वासन
हुब्बल्ली. केंद्रीय मंत्री प्रल्हाद जोशी ने कहा कि देश की सुरक्षा में काफी सुधार हुआ है। सर्जिकल स्ट्राइक और एयर स्ट्राइक के बाद दुश्मन शांत हुए हैं। जवानों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाने दिया गया है और उनके खून की हर बूंद को महत्व दिया जा रहा है।
वे शहर के देशपांडेनगर स्थित गुजरात भवन में मजीठिया फाउंडेशन की ओर से आयोजित वीर नमन कार्यक्रम में बोल रहे थे।
उन्होंने कहा कि प्राचीन काल से ही भारतीय विजयी व्यक्तित्व रहे हैं परन्तु पिछले कुछ समय से भारत की हार का इतिहास ही बताया जा रहा है। चीन के खिलाफ युद्ध में भारत की हार सैनिकों की नहीं, बल्कि अधिकारियों की गलती थी। यदि पाकिस्तान के मुद्दे पर सही निर्णय लिया गया होता तो पाकिस्तान के कब्जे वाला कश्मीर अस्तित्व में ही नहीं रहता।
जोशी ने कहा कि अनुच्छेद 370 के कारण आतंकवाद बढ़ा था। हथियारों को विदेशों से आयात करने की स्थिति थी। नये लड़ाकू विमान ही नहीं थे परन्तु अब जवानों को जरूरी सुविधाएं मुहैया कराई गई हैं। सेना को खुली छूट दे दी गई है। हम भारत में हथियार बना रहे हैं और उन्हें विदेशों में निर्यात कर रहे हैं। भारत की स्थिति बढ़ी है, साथ ही चीन का प्रभावी ढंग से मुकाबला करने की क्षमता भी बढ़ी है। सीमा पर सैनिकों के होने से ही हम यहां सुरक्षित हैं। उनका बलिदान स्मरणीय है।
कारगिल युद्ध के समय को याद करते हुए कैप्टन नवीन नागप्पा ने कहा कि हमें देश की रक्षा के लिए बिना खाए-पिए कारगिल युद्ध लडऩे वाले सैनिकों और अपने प्राणों की आहुति देने वाले 527 सैनिकों को हमेशा याद रखना चाहिए। कारगिल विजय दिवस को एक उत्सव के रूप में मनाना चाहिए।

सैनिकों की तरह निस्वार्थ गुणों का विकास करें
भारतीय वायु सेना के सेवानिवृत्त एयर कमांडर एससी हवालदार ने कहा कि वर्तमान परिस्थिति में जहां देश आगे बढ़ रहा है, वहीं सैनिकों की ताकत भी बढ़ी है। वायु सेना को अधिक लड़ाकू विमानों की आवश्यकता है। प्राधिकारियों को संकट में फंसे सैनिकों को चक्कर लगाए बिना आवश्यक सहयोग प्रदान करना चाहिए। सभी को सैनिकों की तरह निस्वार्थ गुण विकसित करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि सैनिक किसी भी परिस्थिति में अपने कर्तव्य के अंत तक लड़ते हैं। शहीद सैनिक जीत की जिम्मेदारी बाकी लोगों को सौंप देते हैं। हमें सैनिकों को यह संदेश देना चाहिए कि हम उनके साथ हैं। सैनिक सरकार के लिए नहीं बल्कि देश की रक्षा के लिए लड़ रहे हैं। उनके लिए भारतीयता ही धर्म है परन्तु दुख तब होता है जब कुछ लोग देश के खिलाफ बयान देते हैं। बच्चों को सही बातें सिखानी चाहिए।
इस अवसर पर 31 सेवारत सैनिकों के परिवारों को सम्मानित किया गया।
रमेश बाबू ने प्रास्ताविक भाषण दिया। मजीठिया फाउंडेशन के अध्यक्ष जितेन्द्र मजीठिया, डॉ. वीबी. निटाली, अमरेश हिप्परगी, सुनील कुमार कुकनूर और अमृत पटेल उपस्थित थे।
इससे पहले, सैनिकों के परिवारों को अशोकनगर स्थित वीरांजनेय मंदिर से गुजरात भवन तक जुलूस में लाया गया।

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