पूर्व मंत्री बी श्रीरामुलु ने की मांग
यत्नाल को छह साल तक पार्टी से निष्कासित करने का मामला
बल्लारी. पूर्व मंत्री बी श्रीरामुलु ने कहा कि विधायक बसनगौड़ा पाटिल यत्नाल को छह साल तक भाजपा पार्टी से निष्कासित करने के फैसले पर पार्टी आलाकमान को फिर समीक्षा करनी चाहिए।
बल्लारी में पत्रकारों से बातचीत करते हुए श्रीरामुलु ने कहा कि वे राष्ट्रीय नेताओं के निर्णय के प्रति प्रतिबद्ध हैं, परन्तु वे एक बड़े समुदाय के नेता को खोना नहीं चाहते। पंचमसाली और लिंगायत समुदायों के 20 से 24 प्रतिशत वोट हैं। 1970 से 1980 तक पंचमसाली समुदाय से एस. निजलिंगप्पा मुख्यमंत्री बने। तब तक लिंगायतों को कांग्रेस पर भरोसा था। जब उन्होंने घोषणा की कि वे वीरेंद्र पाटिल को मुख्यमंत्री बनाएंगे तो 177 विधायक जीत कर आए थे। किसी कारणवश कांग्रेस नेताओं ने वीरेंद्र पाटिल को हटाने का निर्णय लिया। उसके बाद लिंगायत समुदाय का झुकाव जनता पार्टी की ओर हो गया था। 1994 से यह धीरे-धीरे भाजपा की ओर झुकता गया।
उन्होंने कहा कि मैंने यतनाल को कई बार बताया है। आप स्पष्टत: उदारवादी और हिंदुत्ववादी हैं। इस तरह बात करने से परेशानी होगी। मैं बस यही अनुरोध करता हूं कि यतनाल के निष्कासन के बारे में अमित शाह, नड्डा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को फिर से जांच करनी चाहिए।