राज्य में 17 लाख फर्जी छात्र

स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग ने जताया संदेह

हुब्बल्ली. स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग ने खुद राज्य में लाखों फर्जी छात्रों के होने का संदेह जताते हुए कहा है कि करीब 17 लाख ‘फर्जी छात्र’ होने का संदेह है।

विभाग दो साल से लगातार स्टूडेंट अचीवमेंट मॉनिटरिंग सिस्टम (एसएटीएस) में छात्रों के आधार लिंक करने का प्रयास कर रहा है परन्तु लाखों छात्रों का आधार अभी तक लिंक नहीं हो पाया है। इससे विभाग का संदेह और बढ़ गया है। इसके चलते विभाग ने अंतिम अवसर देते हुए 30 जुलाई तक सभी छात्रों का आधार एसएटीएस सॉफ्टवेयर में लिंक करना अनिवार्य कर दिया है।

स्कूली शिक्षा विभाग ने कहा कि वर्तमान में राज्य में 9वीं से 10वीं कक्षा तक 1.04 करोड़ छात्र पढ़ रहे हैं। इनमें से 87 लाख छात्रों का आधार लिंक हो चुका है। कई बार मौका दिए जाने के बावजूद शेष 17 लाख छात्रों का आधार लिंक नहीं हो पाया है।

यह संदेह क्यों?

सरकार की ओर से निशुल्क पाठ्य पुस्तकें, दूध पाउडर, गणवेश, जूते-मोजे, अंडे, केले, मिड डे मील, छात्रवृत्ति का लाभ दिया जा रहा है। इसके चलते कुछ स्कूलों में वास्तविक छात्रों संख्या छिपाकर तथा फर्जी छात्र बनाकर अनियमितताएं बरतने का संदेह है।

साथ ही यह भी सवाल उठ रहे हैं कि क्या कुछ स्कूलों में छात्र संख्या बढ़ाकर यह दर्शाया गया है कि यदि छात्र संख्या के अनुसार शिक्षक और अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति की जाए तो अधिक शिक्षक मिल सकते हैं। स्कूल शिक्षा विभाग पिछले दो वर्षों से लगातार आधार कैंप एसएटीएस के साथ सभी छात्रों के आधार लिंक करने के निर्देश दे रहा है। स्कूलों में विशेष आधार कैंप भी लगाया गया है।

विभाग ने 21 जनवरी को आदेश जारी कर बताया कि राज्य में कुल 1.04 करोड़ छात्रों में से 78 लाख छात्रों के आधार लिंक हो चुके हैं। शेष 18 लाख छात्रों के आधार लिंक नहीं हो पाए हैं। करीब 8 लाख विद्यार्थियों के एसएटीएस और आधार में नाम मेल नहीं खाने के कारण लिंकिंग विफल हो गई। कुल 26 लाख विद्यार्थियों का आधार लिंक नहीं हो पाया है। लिंकिंग की प्रक्रिया 30 जनवरी तक पूरी करने के निर्देश दिए गए थे। इसके लिए जरूरी स्कूलों में आधार कैंप लगाने को भी कहा गया था। इस प्रक्रिया में 9 लाख विद्यार्थियों का आधार और एसएटीएस सॉफ्टवेयर लिंक करने का प्रयास सफल रहा है परन्तु इन तमाम प्रयासों के बाद भी 17 लाख विद्यार्थियों का आधार लिंक नहीं हो पाया है। इसके चलते आधार लिंकिंग के लिए 30 जुलाई तक का समय दिया गया है।

अगला कदम क्या होगा?

अगर 30 जुलाई तक आधार लिंकिंग नहीं होती है तो स्कूल प्रिंसिपल को अपने लॉगइन में उन विद्यार्थियों का रजिस्ट्रेशन हटाना चाहिए। कम आधार लिंकिंग वाले स्कूलों की पहचान करने और स्कूल सीमा के भीतर अनिवार्य आधार कैंप लगाने के लिए इलेक्ट्रॉनिक सिविल सर्विस डिलीवरी निदेशालय समेत संबंधितों से अनुरोध करने का निर्देश दिया गया है।

फर्जी पंजीयन और कार्रवाई

स्कूल शिक्षा विभाग के आयुक्त ने कहा कि विद्यालय में फर्जी पंजीयन व दोहरा पंजीयन पाए जाने पर इससे होने वाली आर्थिक हानि के लिए सीधे तौर पर विद्यालय प्राचार्य व संबंधित अधिकारी जिम्मेदार माने जाएंगे। उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।

30 जुलाई तक का समय दिया

हम करीब 2 साल से एसएटीएस सॉफ्टवेयर में आधार लिंक करने के निर्देश दे रहे हैं। आधार लिंक न होने से विभाग की विभिन्न योजनाओं के क्रियान्वयन, छात्रवृत्ति व अन्य कार्यों में दिक्कत आ रही है। इसके चलते आधार लिंकिंग के लिए 30 जुलाई तक का समय दिया गया है, यदि इस अवधि में लिंकिंग नहीं हुई तो विद्यार्थी के फर्जी होने की संभावना है।
डॉ. के.वी. त्रिलोकचंद्र, आयुक्त, स्कूल शिक्षा विभाग

Spread the love

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *