केंद्रीय मंत्री प्रल्हाद जोशी की सफाई
लोगों को गुमराह करने की कोशिश कर रही कांग्रेस
हुब्बल्ली. केंद्रीय मंत्री प्रहलाद जोशी ने कहा कि वक्फ संशोधन विधेयक “उम्मीद” मुसलमानों के खिलाफ लाया गया कानून नहीं है; वक्फ में सामाजिक न्याय और पारदर्शिता के लिए संसद में पेश, पारित और राष्ट्रपति की ओर से अनुमोदित अधिनियम का सभी को सम्मान करना चाहिए।
हुब्बल्ली में पत्रकारों से बातचीत करते हुए जोशी ने वक्फ संशोधन विधेयक को कर्नाटक में लागू नहीं करने के मंत्री जमीर अहमद खान के बयान पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि यह सिर्फ जमीर अकेले ही नहीं, बल्कि सिद्धरामय्या और राहुल गांधी कोई भी कहें इसे लागू करने की जरूरत है।
उन्होंने कहा कि वक्फ संशोधन अधिनियम का क्रियान्वयन मुसलमानों के खिलाफ नहीं है; प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह पहले ही स्पष्ट कर चुके हैं कि वक्फ संपत्ति की सुरक्षा के लिए है। मुस्लिम समुदाय में सामाजिक न्याय सुनिश्चित करने के लिए इसे लागू किया गया है। इससे वक्फ प्रशासन में पारदर्शिता आएगी। वक्फ आय बढ़ाता है और गरीब मुसलमानों की सेवा के लिए समर्पित है। उम्मीद को मुस्लिम महिलाओं और समुदाय की सेवा को मजबूत करने के उद्देश्य से लागू किया गया है।
यूपीए ने भी संसद का अधिनियम बनाया था
जोशी ने कहा कि वक्फ संशोधन अधिनियम भी 1995 में संसद का अधिनियम था। यहां तक कि यूपीए सरकार ने 2013 में जो विधेयक लाया, वह भी संसद का अधिनियम था। अब, एनडीए सरकार ने 2025 में जो विधेयक लाया है, वह भी संसद का अधिनियम है। यह यूपीए से अधिक पारदर्शी है।
संसद और राष्ट्रपति ने इस अधिनियम को अनुमोदित किया
प्रल्हाद जोशी ने मंत्री जमीर अहमद खान पर पलटवार करते हुए कहा कि एनडीए सरकार ने वक्फ मंत्रालय सहित कई बैठकें और परामर्श किए, और प्रस्तुत करने और पारित करने से पहले सदन में इस पर लंबे समय तक चर्चा की गई। इतना ही नहीं, यह एक ऐसा कानून है जिसे राष्ट्रपति की ओर से अनुमोदित और कार्यान्वित भी किया जा चुका है। इसलिए इसे अभी भी पहले की तरह ही लागू करना होगा।
वोट बैंक के लिए लोगों को गुमराह कर रहे हैं
उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेता वक्फ संशोधन विधेयक के संबंध में वोट बैंक के लिए लोगों को गुमराह करने का काम कर रहे हैं परन्तु लोग मूर्ख नहीं, बल्कि बुद्धिमान हैं।