शक्षणिक क्षेत्र के सशक्तिकरण के लिए जिला पंचायत की कार्रवाई
एक ही चरण में 461 कार्य
कोप्पल. जिले के विभिन्न सरकारी स्कूलों के आसपास का वातावरण बहुत सुंदर और हरा-भरा होने के बावजूद मवेशियों के कारण वे सभी बर्बाद हो रहे थे। स्कूल में शौचालय न होने के कारण छात्रों को खुले में शौच के लिए जाना पड़ता था। इससे बचने के लिए जिला पंचायत ने एक साथ 274 स्कूलों में शौचालयों का निर्माण शुरू किया है।
वैसे तो महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के तहत पूरे साल कुछ न कुछ काम होता रहता है, परन्तु यहां की जिला पंचायत ने वर्ष 2024-25 में सरकारी स्कूलों में शौचालय निर्माण को प्राथमिकता दी है। 274 शौचालय समेत सरकारी स्कूलों को सुविधाएं प्रदान करने के लिए 461 परियोजनाएं शुरू की हैं। गंगावती तालुक में 65, कनकगिरि में 32, कारटगी में 17, कोप्पल में 49, कुकनूर में 42, कुष्टगी में 156 और येलबुर्गा तालुक में 96 शौचालयों का निर्माण कार्य चल रहा है।
आसपास का माहौल भी खराब हो रहा था
प्राथमिकता के आधार पर शौचालयों के निर्माण के अलावा, कम्पाउंड और खेल के मैदान भी बनाए जा रहे हैं। 321 कार्य प्रगति पर हैं तथा 140 पूरे हो चुके हैं। आमतौर पर सरकारी स्कूलों में अच्छी उपस्थिति के कारण बच्चों को खुले में शौच पर निर्भर रहना पड़ता था। इससे स्कूल के आसपास का माहौल भी खराब हो रहा था।
सुविधा का लाभ उठा सकेंगे
मैदान की कमी के कारण, उपलब्ध छोटी जगह में ही खेल गतिविधियां चल रही हैं। कुछ स्कूलों को खेल आयोजन के लिए उसी कस्बे के दूसरे स्कूल के मैदान पर जाना पड़ता था। अब चूंकि शौचालय का निर्माण हो रहा है, इसलिए विद्यार्थी स्कूल परिसर में ही इसकी सुविधा का लाभ उठा सकेंगे।
स्कूलों से व्यापक मांगें उठीं
स्कूल के लिए कम्पाउंड की कमी के कारण मवेशी, भेड़, भैंस और सूअर परिसर में घुसकर स्कूल परिसर में लगे पौधों को नष्ट कर रहे थे। इसके अलावा, रात में गांव के कुछ लोग शराब पीते, खाते और पार्टी करते थे। इस प्रकार, कई गांवों में स्कूल परिसर शराबियों का अड्डा बन गए थे। शौचालय की समस्या और कम्पाउंड की आवश्यकता के संबंध में भी स्कूलों से व्यापक मांगें उठीं।
सुविधाएं उपलब्ध कराने को प्राथमिकता दी
जिला पंचायत के अधिकारियों का कहना है कि जिला पंचायत की ओर से क्रियान्वित केन्द्र एवं राज्य सरकार की अनेक ग्रामीण विकास योजनाओं का प्रभावी क्रियान्वयन किया जा रहा है। जिले के ग्रामीण इलाकों में सरकारी स्कूलों के विद्यार्थियों के लिए शैक्षणिक शिक्षा और सुविधाएं उपलब्ध कराने को प्राथमिकता दी गई है।
मनरेगा योजना का प्रभावी ढंग से उपयोग किया
जिले के सरकारी स्कूलों में शौचालयों के निर्माण के लिए मनरेगा योजना का प्रभावी ढंग से उपयोग किया है। इसके माध्यम से स्कूलों को मजबूत बनाने के लिए कदम उठाए गए हैं।
–राहुल रत्नम पांडे, सीईओ, जिला पंचायत, कोप्पल
शौचालय बनाए गए हैं
मुझे खुशी है कि हमारे स्कूल में विद्यार्थियों के स्वास्थ्य के लिए शौचालय बनाए गए हैं। स्कूल के आसपास का वातावरण भी स्वस्थ है।
–अर्पिता पूजार, शिक्षिका, सरकारी उच्च प्राथमिक विद्यालय, हलेकनकापुर
बच्चों को आकर्षित करने वाली तस्वीरें
जिले के सरकारी स्कूलों में बनाए जा रहे शौचालयों की दीवारों पर लिखे जा रहे सामाजिक जागरूकता संदेशों की तस्वीरें आकर्षक हैं। शौचालय के उपयोग का महत्व, बंदरों की मस्ती, पर्यावरण, पेड़, विभिन्न रंग बच्चों को आकर्षित कर रहे हैं।