गदग के जिला पुलिस अधीक्षक कार्यालय के सभा भवन में तम्बाकू नियंत्रण कोटपा अधिनियम 2003 को लेकर पुलिस अधिकारियों के लिए आयोजित प्रशिक्षण कार्यशाला का उद्घाटन करते जिला कानून सेवा प्राधिकरण के सदस्य सचिव के. गुरुप्रसाद।

गदग. जिला प्रशासन, जिला पंचायत, जिला स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग, जिला समीक्षा इकाई, जिला पुलिस विभाग, जिला कानूनी सेवा प्राधिकरण और जिला तंबाकू नियंत्रण सेल की ओर से शुक्रवार को जिला पुलिस अधीक्षक कार्यालय के सभा भवन में तंबाकू की लत के दुष्प्रभाव कोटपा अधिनियम-2003, तम्बाकू मुक्त शिक्षा संस्थान एवं तम्बाकू मुक्त केन्द्र में स्थित सुविधाओं पर पुलिस अधिकारियों के लिए प्रशिक्षण आयोजित किया गया।
जिला कानून सेवा प्राधिकरण के सदस्य सचिव के. गुरुप्रसाद ने कार्यक्रम का उद्घाटन कर कहा कि तंबाकू के उपयोग के कारण पर्यावरण और आसपास के क्षेत्र के प्रदूषण और अस्वास्थ्यकर वातावरण को रोकने के लिए कार्रवाई करनी चाहिए।
जिला स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण अधिकारी डॉ. एसएस. नीलगुंद ने कहा कि हमारे विभाग की ओर से तंबाकू नियंत्रण पर विभिन्न विभागों के अधिकारियों और संघों के पदाधिकारियों के लिए प्रशिक्षण कार्यशालाएं आयोजित कर प्रभावी कार्यान्वयन के लिए कदम उठाए गए हैं। जिले में कोटपा एक्ट के क्रियान्वयन के लिए पुलिस विभाग भी अहम भूमिका निभाता है। इसी प्रकार सहयोग भी देता है।
जिला समीक्षा अधिकारी डॉ. वेंकटेश राठौड़ ने कहा कि तम्बाकू के सेवन से कैंसर जैसी भयानक बीमारियां, गैर संक्रामक रोग बढ़ रहे हैं। कैंसर का प्रारंभिक अवस्था में ही पता लगाकर शीघ्र उपचार कराना चाहिए। उन्होंने जिला व्यसन मुक्ति केंद्र में उपलब्ध सुविधाओं के बारे में विस्तार से जानकारी दी।
पुलिस उपाधीक्षक जे.एच. इनामदार ने कहा कि हमारे विभाग ने जिले में कोटपा अधिनियम को प्रभावी ढंग से लागू करने, तंबाकू नियंत्रण पर जागरूकता कार्यक्रम चलाने और अन्य गतिविधियों में हमेशा सहयोग किया है।
शहर के जिम्स के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. अरविंद करिनगन्नवर ने कहा कि तंबाकू में मौजूद निकोटीन शरीर में शामिल होकर तंत्रिका तंत्र के कामकाज को प्रभावित करता है। रक्त और ऑक्सीजन आपूर्ति में बाधा उत्पन्न होने के कारण शरीर के हर अंग को प्रभावित करता है। धूम्रपान छोडऩे के लिए हमें अपनी जीवनशैली में जो बदलाव करने की आवश्यकता है, उसके बारे में प्रभावी ढंग से बताया।
एनटीसीपी जिला परामर्शदाता गोपाल सुरपुर ने तम्बाकू नियंत्रण अधिनियम कोटपा-2003 के बारे में कहा कि कोटपा अधिनियम के तहत धारा 4 सार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान करना प्रतिबंधित करती है, धारा 5 तम्बाकू उत्पादों के प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष विज्ञापन पर रोक लगाती है, धारा 6ए 18 वर्ष से कम उम्र के किशोरों पर प्रतिबंध लगाती है, धारा 6बी शैक्षणिक संस्थानों के परिसर से 100 गज तक तंबाकू निषेध, धारा 7 तंबाकू उत्पादों के पैक पर अनिवार्य स्वास्थ्य चेतावनी चिन्ह, इन विधेयकों का क्रियान्वयन, तंबाकू बिक्री बंद करने और तंबाकू बिक्री परमिट के बारे में जानकारी दी।
कार्यक्रम में सर्कल पुलिस निरीक्षक बीए जादव, शिवकुमार बगाड़े, फयाज एम, और जिला सर्वेक्षण इकाई कर्मचारी, आरडीपीआर छात्र पवित्रा, सिद्दू, एस. यमुना आदि उपस्थित थे।
एस.एस.पीरा ने कार्यक्रम का संचालन किया। यमुना ने प्रार्थना की। वि_ल नायक ने स्वागत किया। वरिष्ठ स्वास्थ्य निरीक्षक एमएस रब्बाना गौडर ने आभार व्यक्त किया।

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