वरूर नवग्रह तीर्थ में पर्यटन विकास के लिए दो करोड़ रुपएहुब्बल्ली तालुक के वरूर नवग्रह तीर्थक्षेत्र में निर्मित सुमेरु पर्वत के पंचलोहा कलशारोहण कार्यक्रम में भाग लेते राज्य के पर्यटन, विधि एवं संसदीय कार्य मंत्री एचके पाटिल।

पर्यटन मंत्री एचके पाटिल ने की घोषणा
हुब्बल्ली. राज्य के पर्यटन, विधि एवं संसदीय कार्य मंत्री एचके पाटिल ने घोषणा की है कि सम्पूर्ण भारत में सबसे महत्वपूर्ण धार्मिक तीर्थ स्थल के रूप में जाने जाने वाले वरूर स्थित नवग्रह तीर्थक्षेत्र के पर्यटन विकास के लिए दो करोड़ रुपए मंजूर किए जाएंगे।
वे हुब्बल्ली तालुक के वरूर नवग्रह तीर्थक्षेत्र में निर्मित सुमेरु पर्वत के पंचलोहा कलशारोहण कार्यक्रम का उद्घाटन कर बोल रहे थे।
उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र के विकास के लिए इस वर्ष और अगले वर्ष एक-एक करोड़ रुपए समेत कुल 2 करोड़ रुपए जारी किए जाएंगे।
पाटिल ने कहा कि कर्नाटक में सैकड़ों वर्ष पहले होयसल, चालुक्य और राष्ट्रकूट राजाओं के शासनकाल के दौरान बनाए गए लगभग चार हजार जैन बसदियां और मंदिर हैं। कई बहुत ही दयनीय स्थिति में हैं। इनमें से कुछ तो पशुओं और मनुष्यों के निवास स्थान बन गए हैं। कुछ उपेक्षा के कारण क्षतिग्रस्त हो गए हैं। हमारे अनुरोध पर धर्मस्थल के वीरेंद्र हेग्गड़े ने लक्कुंडी में आठ जैन बसदियों का पुनर्निर्माण किया है। यहां उपस्थित जैन आचार्यों और जैन समुदाय के दानदाताओं को शेष बसदियों और विहारों के पुनर्निर्माण के लिए आगे आना चाहिए।
उन्होंने कहा कि गांधीजी पहले सिर्फ मोहनदास थे। वे जैन गुरु राजचंद्र की शिक्षाओं से प्रेरित होकर अपने उपवास और आंदोलन के माध्यम से देश को आजादी दिलाई बाद में महात्मा बने। जैनियों के उपवास, तपस्या और जीवनशैली से अन्य लोग भी बहुत कुछ सीख सकते हैं।
पाटिल ने कहा कि अन्य धर्मों के स्वामी और गुरु भी कठोर तपस्या करने वाले जैन मुनियों के करीब तक नहीं पहुंच सकते। वे ऐसे सभी महान संतों के प्रति आभार व्यक्त करना चाहते हैं, जो यहां आकर हम सभी को सही मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित किया है।
उन्होंने कहा कि क्रांतिकारी गुणाधरनंदी महाराज ने आसपास के गांवों के गरीब लोगों के बच्चों की पहचान कर उन्हें नर्सरी से लेकर स्नातक तक मुफ्त शिक्षा प्रदान कर रहे हैं। ऐसे कार्य के लिए हम सभी को आचार्य गुणाधरनंदी के कार्य को प्रोत्साहित और समर्थन करने की आवश्यकता है।
पूर्व मंत्री वीरकुमार पाटिल, सुरेन्द्र हेग्गड़े, प्रचार समिति अध्यक्ष विमल तालिकोटी, नावल्ली, राजेंद्र बीलगी, सुभाषसिंह जमादार, तोटप्पा निडगुंदी, विद्याधर पाटिल, ब्रह्मकुमार बीलगी, लोबोगोल, अशोक बागमार, मनोज बाफना, उत्तम पाटिल आदि उपस्थित थे।

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